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jamshedpur-sad-on-death-of-birju-maharaj-भारत के प्रख्यात कथक बिरजू महाराज के निधन से जमशेदपुर में शोक, जमशेदपुर आये थे 4 बार, उनसे जुड़ी यादें जमशेदपुर के कई कलाकारों के जेहन में बरकरार

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जमशेदपुर : देश के प्रख्यात कथक नृतक पंडित बिरजू जी महाराज का सोमवार को निधन हो गया. वे 84 साल के थे. दुनिया भर में नाम कमाने वाले प्रख्यात कथक नृतक बिरजू महाराज के निधन से जमशेदपुर शोकाकुल है. अपने पिता पंडित अच्छन महाराज, चाचा शंभू महाराज और लच्छू महाराज से कथक की शिक्षा हासिल करने वाले पद्मविभूषण पंडित बृजमोहन मिश्र उर्फ बिरजू महाराज तीन बार जमशेदपुर आये थे. यहां उन्होंने एक्सएलआरआइ ऑडिटोरियम, रुसी मोदी सेंटर फॉर एक्सीलेंस के हाल में बच्चों को ट्रेनिंग दी थी और अपने प्रदर्शन से सबको मोहित कर दिया था. तीन दिवसीय कार्यशाला में एक बार वे तीन दिनों तक जमशेदपुर में थे. दर्जनों कलाकारों ने उनसे प्रशिक्षण लिया था. वर्ष 1985 में पहली बार जमशेदपुर आये थे. वे दिल्ली और बनारस की अपनी टीम के साथ मिलकर जमशेदपुर के साकची स्थित रवींद्र भवन में अपने कथक की प्रदर्शनी की थी. इसके बाद वे 11 अगस्त 2005 को जमशेदपुर आये थे और उन्होंने रूसी मोदी सेंटर फॉर एक्सीलेंस में कथक की ट्रेनिंग तीन दिनों तक दी थी. वे अपनी शिष्या शाश्वती सेन के साथ आये थे. इअंतिम बार वे जमशेदपुर में 2009 में ही आये थे. इस दौरान ही उन्होंने एक्सएलआरआइ ऑडिटोरियम में अपना प्रदर्शन किया था. पत्रकार बृज तिवारी की बेटी निकिता के साथ बिरजू महाराज की यादें जुड़ी हुई है. निकिता ने बताया कि वह वर्ष 2013 में स्पीक मैके के छात्रवृत्ति योजना के तहत एक माह तक पंडित बिरजू महाराज जी महाराज से कत्थक सीखने का मौका मिला था. कुमारी निकिता प्रयाग संगीत समिति से प्रथम श्रेणी में कत्थक नृत्य में मास्टर डिग्री प्राप्त कर चुकी है. उन्होंने बताया कि एक पिता के सामान उनका व्यवहार और अगर गलती किये थो डांटना, उन्होंने ही हमको सिखाया है और आज उनके खोने का काफी गम है.

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