जमशेदपुर : झारखंड में मंगलवार को भाजपा के लिए खुशी का दिन था. लेकिन जमशेदपुर के भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं में मायूसी थी. इसकी वजह थी कि कोल्हान के तीन में से दो जिले सरायकेला-खरसावां और पश्चिम सिंहभूम जिले में भाजपा का अपना कार्यालय का उदघाटन हो गया. मंगलवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसको ऑनलाइन समर्पित कर दिया. लेकिन जमशेदपुर के भाजपाइ बेचारे दुखी और मायूस थे कि उनके महानगर में कोई कार्यालय ही नहीं बन पाया. जमशेदपुर महानगर से झारखंड ही नहीं बल्कि देश की राजनीति भी तय होती है. यहां भाजपा चुनाव जीतती रही है. यहां भाजपा के सांसद है. जमशेदपुर में मुख्यमंत्री रघुवर दास रहे है, जो पहले भी मंत्री रहे थे और उनका पांच साल का कार्यकाल आसानी से पार हुआ था. वर्तमान में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा जमशेदपुर में ही रहते है, जो कई साल तक मुख्यमंत्री रहे थे. यहां मंत्री के तौर पर सरयू राय भी पांच साल तक रहे, जो कद्दावर नेता कहे जाते रहे है. जमशेदपुर के छह विधानसभा क्षेत्र में से हर बार चार विधानसभा में भाजपा चुनाव जीतती रही है, इस बार हालांकि, उनको हार का मुंह देखना पड़ा था, लेकिन भाजपा का यह गढ़ माना जाता रहा है. भाजपा के कार्यकर्ता और नेता यह बताकर फूले नहीं समाते है कि उनके नेता ही झारखंड का मुख्यमंत्री, मंत्री और केंद्रीय मंत्री बनता है, लेकिन अफसोस कि जमशेदपुर में भाजपा का अपना कार्यालय आज तक नहीं बन पाया. जमशेदपुर में खुद ”सरकार” रहती थी. लेकिन आज भी जमशेदपुर का भाजपा कार्यालय टाटा स्टील के एक क्वार्टर में, संचालित हो रही है. उससे पहले भाजपा नेता और अब भाजमो नेता बन चुके जोगिंदर सिंह जोगी के टाटा स्टील के क्वार्टर में भाजपा का कार्यालय चलता था. जिसको जब श्री जोगी भाजमो में चले गये तो अपना क्वार्टर खाली करा दिया. किसी तरह दिनेश कुमार ने जिला अध्यक्ष रहते हुए टाटा स्टील के क्वार्टर का जुगाड़ लगाया और भाजपा का कार्यालय खोलवाया.
पांच साल पूरे बहुमत की सरकार रघुवर दास की रही, तीन लोगों की कमेटी बनी, नहीं खोज पाये जमीन
भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने भाजपा के हर जिले में कार्यालय खोलने को कहा था. इसके लिए हर प्रदेश अध्यक्ष ने कमेटी बनायी थी. जमशेदपुर में भी भाजपा के कार्यालय को बनाने के लिए जमीन तलाशने और जमीन खरीददारी के लिए एक कमेटी बनायी गयी थी. इसमें प्रदेश स्तर के नेता मनोज सिंह, उद्यमी और भाजपा नेता योगेश मल्होत्रा और भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष और जमशेदपुर पश्चिम से चुनाव लड़ चुके देवेंद्र सिंह की तीन सदस्यीय कमेटी बनायी गयी थी. उस वक्त जिला अध्यक्ष नंदजी प्रसाद थे. इस बीच नंदजी प्रसाद बदल गये. मुख्यमंत्री रघुवर दास की पूरी बहुमत की सरकार थी. रघुवर दास के इशारे पर टाटा स्टील हो या सरकार का हर महकमा चलता था, लेकिन पांच साल बीत गया, कमेटी को एक अदद जमीन तक नहीं मिली. इस बीच दिनेश कुमार जिला अध्यक्ष बन गये, जो मुख्यमंत्री रघुवर दास के रिश्तेदार भी थे. उनकी भी बेचारगी थी क्योंकि तीन सदस्यीय कमेटी को फैसला लेना था, जो तीन सदस्यीय कमेटी ने अपना काम नहीं किया और आज तक कार्यालय नहीं बन पाया. सरकार खुद जमशेदपुर में रहकर भाजपा का एक कार्यालय तक नहीं बना पायी. इसी जिले में पांच साल तक की जो रघुवर दास की सरकार थी, उसमें कद्दावर मंत्री सरयू राय भी थे. लेकिन नहीं बन पाया कोई कार्यालय. आज भी मुफलिस की तरह भाजपा के लोग क्वार्टरों के भरोसे चल रहा है. इसके लिए बकायदा पैसे भी भाजपा राष्ट्रीय नेतृत्व देने को तैयार थी, लेकिन कमेटी के लोग भाजपा के लिए कार्यालय खोलवा नहीं पाये. आज उससे पिछड़ा जिला कहे जाने वाले सरायकेला-खरसावां और पश्चिम सिंहभूम में आलिशान भाजपा का दोमंजिला कार्यालय बनकर तैयार हो गया और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसका उदघाटन भी कर दिया.
क्या कहते है जिम्मेदार नेतागण :
भाजपा नेता योगेश मल्होत्रा का बयान :
मुझे जमीन की तलाश के लिए बनायी गयी कमेटी में जगह दी गयी थी. हम लोगों ने प्रयास तो किया था, लेकिेन जमीन ही नहीं मिल पाया. जमीन की कीमत भी काफी ज्यादा मांगी जा रही थी तो टाटा लीज की जमीन भी है तो वह मिल नहीं पाया. कोशिश नहीं हुई, ऐसी बात नहीं हुई, लेकिन हां सच है कि कार्यालय नहीं बन पाया.
भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष दिनेश कुमार का बयान :
मेरे कार्यकाल में जमीन की तलाश के लिए कमेटी नहीं बनी थी. उस वक्त नंदजी प्रसाद जिला अध्यक्ष थे, तब कमेटी बनी थी. हमने प्रयास किया था, लेकिन नहीं बन पाया तो क्या किया जा सकता है. कमेटी से पूछिये क्यों नहीं मिला जमीन, यह मैं नहीं बता सकता.