सुगम कुमार सिंह / शार्प भारत डेस्क : लाइफस्टाइल से संबंधित बीमारियों ने अब भारतीय घरों में भी अपनी पैठ बनानी शुरू कर दी है या यूं कहे कि अपनी जगह बना चुके है तो कोई गलत बात नहीं होगी. लाइफस्टाइल या जीवनशैली से संबंधित बीमारियां जो खराब खानपान और गलत जीवनशैली के कारण होती है. इन बीमारियों का इलाज भी लाइफस्टाइल में सुधार से संभव है या कम से कम इन बीमारियों के नियंत्रण का राज तो जरुर छिपा हुआ है. आज लगभग हर भारतीय घरों में आपको हाई ब्लड प्रेशर के मरीज मिल ही जाएंगे. एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 20 करोड़ उच्च रक्तचाप के मरीज है. यह बीमारी मानसिक तनाव, खराब दिनचर्या और गलत खानपान का नतीजा है. जो सीधे इस बात की ओर इंगित करता है कि यह लाइफस्टाइल रोगों की श्रेणी में है. अब करते है इसके इलाज और नियंत्रण की बात. झारखंड के आदिवासियों के जीवन और खानपान को गौर से देखने से हमें इस रोग के रोकथाम का रास्ता दिखता है. झारखंड के विभिन्न हिस्सों में इसे सहजन, सूटी और वनस्पति विज्ञान में इसे मोरिंगा ओलिफेरा और अंग्रेजी में ड्रमस्टिक कहते है. (नीचे भी पढ़ें)
सहजन के पत्तियों को सुबह पानी के साथ उबालकर पीने से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखा जा सकता है. आदिवासियों के द्वारा सहजन के पत्तियों के साथ साथ इसके फूल और फलों का इस्तेमाल भी कई शताब्दियों से किया जा रहा है. जहां लोग सहजन का इस्तेमाल गर्मियों के दिनों में इसके फल के रूप में करते है वहीं आदिवासियों के भोजन का यह प्रमुख भाग है. वे मोरिंगा के पत्तों को देसी साग के रूप में सप्ताह में दो से तीन बार खाते ही है. इसका परिणाम यह है कि आदिवासी बहुल क्षेत्रों में दूसरे जगह की तुलना में ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या कम है. विभिन्न रिसर्चों में इस बात का खुलासा हुआ है कि आदिवासी समुदाय में उच्च रक्तचाप के मरीजों की संख्या औसतन कम है. सहजन में प्रोटीन, विटामिन, बीटा कैरोटीन, अमीनो एसिड, एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटीपीलेप्टिक, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीफगल, एंटीबायोटिक और बहुत से औषधीय गुण पाये जाते है. यही कारण है कि सहजन को सुपर फूड भी कहा जाता है. (नीचे भी पढ़ें)
आज इस सुपरफूड की मांग न केवल भारत में है बल्कि पूरे विश्व में इसकी मांग बहुत तेज है. आज पूरे विश्व में इसका इस्तेमाल ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए किया जा रहा है. आदिवासी ये बात बहुत पहले ही समझ गए थे. वे पूर्णत इसके गुणों से परिचित थे. मोरिंगा के फायदे सिर्फ ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों में ही नहीं होता, इसके इस्तेमाल से शुगर और मोटापे से ग्रसित लोगों को भी काफी लाभ पहुंचता है. एक बार प्रधानमंत्री मोदी ने उनके भोजन के बारे में सवाल पूछने पर बताया था कि वे सप्ताह में दो से तीन बार जरूर मोरिंगा को अपने डाइट में शामिल करते है. कई अंतराराष्ट्रीय संस्थाओं ने इससे होने वाले फायदे के बारे में बाते की है. निश्चित ही यह सुपरफूड हम सभी को खानी चाहिए. मोरिंगा एक सुपरफूड जिसका इस्तेमाल प्रधानमंत्री मोदी भी करते है.