जमशेदपुर : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, सभी आयु वर्गों में डिप्थीरिया, काली खांसी और टिटनस जैसे संक्रमणों की वजह से होने वाली मौतों से बचाव में टीकाकरण जैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप सबसे अधिक सफल साबित हुए . 6 इन 1 कंबीनेशन वैक्सीनेशन से बच्चों का 6 गंभीर रोगों से बचाव होता है, ये हैं-डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनस, हिमोफिलस इंफ्लुएंज़ा टाइप बी, हेपेटाइटिस बी और पोलियेमाइलिटिस. इस बारे में जमशेदपुर के प्रख्यात बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ राजेंद्र कुमार अग्रवाल ने कहा कि कंबीनेशन वैक्सीनेशन पेरेंट्स और बच्चों के लिए कई तरह से फायदेमंद है. ये एक ही टीके में बच्चों को छह गंभीर रोगों से सुरक्षा प्रदान करती हैं. साथ ही, बार-बार डॉक्टरों के क्लीनिकों में आने-जाने तथा बच्चों को टीके की वजह से होने वाले दर्द से भी छुटकारा मिलता है इसलिए पैरेंट्स अपने बच्चों के लिए कंबीनेशन वैक्सीनेशन का चुनाव करना पसंद करते हैं. इसका एक बड़ा फायदा यह होता है कि वे अपनी व्यस्तता की वजह से बच्चों के महत्वपूर्ण टीकाकरण को भूलते हैं जो कि पेडियाट्रिक इम्युनाइज़ेशन शैड्यूल का हिस्सा होते हैं. डियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के टीकाकरण कार्यक्रम के अनुसार, बच्चों को 6, 10 और 14 सप्ताह की उम्र में डीटीपी-आईपीवी-एचआईबी-एचईपीबी के टीके लगवाने होते हैं. 6-इन-1 टीकाकरण इन 6 रोगों से सुरक्षा प्रदान करता है. हाल के वर्षों में, भारत ने देश में टीकाकरण कवरेज बढ़ाने के अपने प्रयासों को तेज कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-एनएफएचएस-5 से उल्लेखनीय सुधार का पता चला है. भारत में पूर्ण टीकाकरण वाले 12 से 23 महीने के आयु वर्ग के बच्चों का प्रतिशत 62% (एनएफएचएस-4; 2015-16) से बढ़कर 76.4% (एनएफएचएस-5; 2019-21) हो गया है. माता-पिता को टीकाकरण के लाभों और टीकों की उपलब्धता के बारे में जागरूक करने, पूर्ण टीकाकरण कवरेज को 90% और उससे अधिक बढ़ाने के लिए और अधिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है.