जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम का शहरी इलाका जमशेदपुर में बीमार होना मना है, यह शीर्षक पढ़कर आप चौंक गये होंगे, लेकिन हकीकत बात है. ऐसा इस कारण लिखना पड़ रहा है क्योंकि जमशेदपुर में मुख्य अस्पताल एमजीएम में सीट फुल हो चुकी है. लोगों का इलाज संभव नहीं हो पा रहा है. सरकारी अस्पताल में सीट कम, दवा नहीं, इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं है. जमशेदपुर के लोगों के पास एक ही विकल्प बच जाता है टीएमएच यानी टाटा मुख्य अस्पताल. पूरे शहर का लोड यहीं एक मात्र अस्पताल संभालता है. हर आपात स्थिति में तैनात रहने वाला टीएमएच का सीट भी पूरी तरह फुल हो चुका है. लोगों को अस्पताल में बेड नहीं मिल रहा है. अधिकांश लोग वायरल फीवर की चपेट में आ चुके है. कई लोग बीमार है. टीएमएच का इमरजेंसी भी फुल हो चुका है. लोगों के इलाज का समुचित व्यवस्था नहीं हो पा रही है. लोगों को बेड तक नहीं मिल रहा है. इमरजेंसी में लोगों को सीट पर बैठाकर स्लाइन चढ़ाया जा रहा है. स्लाइन तक चढ़ाने वाले की कमी हो चुकी है. अस्पताल में लोगों का इलाज संभव नहीं हो पा रहा है. जमशेदपुर के पत्रकार आशुतोष जब टीएमएच अपना इलाज कराने पहुंचे तो उनको तो कुर्सी में ही स्लाइन चढ़ा दिया गया. उनको भी बताया गया कि बेड नहीं मिल सकता है. टिनप्लेट अस्पताल का भी वहीं हाल है. मरीज की संख्या ज्यादा है और बेड की कमी है. टाटा मोटर्स अस्पताल में भी बेड की कमी है. हालांकि, कई सारे नर्सिंग होम और अस्पताल है, जहां अब तक इलाज हो रहा है. अस्पतालों में भी इलाज हो रहा है, लेकिन पूरे तौर पर लोगों का इलाज हो जाये, ऐसी व्यवस्था खड़ी नहीं हो पा रही है.