जमशेदपुर : टाटा स्टील के कर्मचारियों का वेज रिवीजन समझौता और बोनस समझौता होने जा रहा है. इन दोनों समझौता को लेकर अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, महामंत्री सतीश सिंह और डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय चौतरफा घिर गये है. डीए के साथ छेड़छाड़ करने और सात साल का समझौता करने के खिलाफ एनएस ग्रेड के कर्मचारी और स्टील वेज के कर्मचारी उठ खड़े हुए है. कर्मचारियों के दबाव के बाद कमेटी मेंबर भी टाटा वर्कर्स यूनियन पहुंचे है और इन तीनों से अलग-अलग मिलकर दबाव बना रहे है. इसके तहत कई सारे कमेटी मेंबरों ने एक हस्ताक्षरित ज्ञापन तैयार किया है, जिसमें वेज रिवीजन और बोनस समझौता को लेकर स्थिति स्पष्ट करने के लिए रिक्वीजिशन मीटिंग (आपात बैठक) बुलाने का आवेदन दिया है. सुबह में यूनियन के महामंत्री सतीश सिंह से कई कमेटी मेंबरों ने मुलाकात कर रिक्वीजिशन मीटिंग बुलाने का आवेदन दिया, लेकिन उसको रिसीव महामंत्री ने यह कहते हुए नहीं किया कि अध्यक्ष और डिप्टी प्रेसिडेंट से बात करने के बाद ही वे किसी तरह का कोई फैसला लेंगे. इसके लिए जरूरत पड़ेगी तो आराम से कमेटी मीटिंग भी बुला लेंगे. इसी तरह यूनियन के पूर्व डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव चौधरी टुन्नु, पूर्व उपाध्यक्ष शिवेश वर्मा और पूर्व डिप्टी प्रेसिडेंट शैलेश सिंह टाटा वर्कर्स यूनियन देर शाम को पहुंचे. इन तीनों ने मिलकर अध्यक्ष और महासचिव से नोट ऑफ कंक्लूजन की कॉपी मांगी, जिसमें यह लिखा गया है कि सात साल का वेज रिवीजन समझौता होगा. इस दौरान इन तीनों विपक्षी नेताओं ने अध्यक्ष पर ही दबाव बनाया. हालांकि, हाल के दिनों में अध्यक्ष के करीबी में से एक पूर्व डिप्टी प्रेसिडेंट शैलेश सिंह हो चुके थे. लेकिन यह नया पैंतरा लोगों के गले नहीं उतर र हा है. दूसरी ओर, कई कमेटी मेंबरों ने एक-एक कर सारे ऑफिस बियररों से मुलाकात कर स्पष्ट कर दिया कि वे लोग डीए में बदलाव और सात साल का समझौता किसी भी हाल में बरदाश्त नहीं करने वाले है.