सरायकेला : सरायकेला-खरसावां जिले के सरायकेला कोर्ट के पास बुधवार को 21 लाख रुपये (पहले यह राशि 25 लाख रुपये सामने आयी थी, लेकिन गणना के बाद यह 21 लाख रुपये निकली थी) नगद के साथ पकड़े गये आम आदमी पार्टी (आप) नेता प्रेम कुमार सिंह और उनके पुत्र चंदन कुमार सिंह से पुलिस और आयकर विभाग ने सघन पूछताछ करने के बाद छोड़ दिया है. पैसे भी जब्त ही है. पुलिस और आयकर विभाग इस मामले में अधिकारिक तौर पर कुछ बोल नहीं पा रही है. वैसे यह कहा जा रहा है कि पैसों का हिसाब प्रेम कुमार सिंह और उनके पुत्र सटीक तरीके से नहीं दे पाये है. कहां से पैसे लाये, क्यों और कैसे इतना पैसे लेकर जा रहे थे. आय से अधिक संपत्ति का भी मामला बन सकता है. ऐसे में आयकर विभाग अपने स्तर से जांच कर रही है. गौरतलब है कि बुधवार को आप नेता प्रेम कुमार सिंह और उनके पुत्र चंदन कुमार सिंह को सरायकेला कोर्ट परिसर में प्रवेश के दौरान काले रंग के बैग के साथ कोर्ट सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों ने रोका. जहां तलाशी के दौरान प्रेम कुमार सिंह के बैग से 21 लाख नगद बरामद किया गया. वही कोर्ट सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने तत्काल इसकी सूचना अपने वरीय पदाधिकारियों को दी. इसके बाद प्रेम कुमार सिंह एवं उनके पुत्र को रुपयों से भरे बैग के साथ सरायकेला-खरसावां पुलिस के हवाले कर दिया गया. इधर सरायकेला पुलिस ने पूरे मामले की जांच का जिम्मा जमशेदपुर आयकर विभाग को दे दिया. जहां देर रात तक आयकर विभाग यह पता लगाने में नाकाम रही कि आखिर रुपया कहां से आया, जबकि प्रेम कुमार सिंह भी आयकर विभाग और सरायकेला पुलिस को रुपयों का सटीक ब्योरा नहीं दे सके. फ़िलहाल आयकर विभाग रुपयों को सीज कर जांच कर रही है. वैसे सूत्र बताते हैं कि इतनी बड़ी राशि आम आदमी पार्टी के नाम पर वसूला गया है. सूत्र यह भी बताते हैं कि विधानसभा चुनाव में टिकट दिलाने के नाम पर यह रुपया लिया गया है. वैसे प्रेम कुमार खुद एक व्यवसायी हैं, और उनका आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में शालीमार आईटीआई, एक होटल सहित कई व्यवसाय भी संचालित होता है. वैसे इतनी बड़ी रकम कहां से आई इस बात का खुलासा अब तक नहीं हो सका है. इधर आयकर विभाग और सरायकेला पुलिस ने पूरे मामले पर चुप्पी साध रखा है. वहीं कोर्ट सुरक्षा में तैनात आरक्षी विकास सिंह से प्रेम कुमार ने जमीन खरीद- बिक्री के लिए रुपए लाने की बात कहीं थी, जिसके बाद शक होने पर आरक्षी ने इसकी सूचना अपने वरीय अधिकारियों को दी.