जमशेदपुर : गोलमुरी स्थित एबीएम कॉलेज में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम श्रृंखला में प्रोफेसर अब्दुल बारी व्याख्यानमाला के तहत हिंदी विभाग द्वारा ‘आधुनिक हिंदी कविता में भारतीयता’ विषय पर व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया. व्याख्यानमाला में बतौर मुख्य अतिथि एनसीईआरटी के क्षेत्रीय शिक्षण संस्थान, भोपाल से आए प्रोफेसर डॉ अरुणाभ सौरभ ने कहा कि आधुनिक हिंदी कविता की अवधारणा भारतीयता से ओतप्रोत है. छायावाद से लेकर नई कविता तक की अवधारणा के केंद्र में यही आधुनिकता है. जिसमें लोकतंत्र की व्यापक पड़ताल है. साथ ही उन्होंने कहा कि इन आधुनिक कविताओं के भीतर व्यापक मनुष्य की अस्मिता की खोज है. स्वाधीन भारतीय चेतना ही इन कविताओं की केंद्रीय विशेषता है. (नीचे भी पढ़ें)
संगोष्ठी की अध्यक्षता कॉलेज की प्राचार्या सह केयू मानविकी संकाय की डीन प्रोफेसर डा मुदिता चन्द्रा ने की. उन्होंने अपने संबोधन में अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि संवैधानिक मूल्य और व्यापक मनुष्यता की खोज इस आधुनिक कविता की खोज है. व्याख्यानमाला के संयोजक कॉलेज के मैथिली विभागाध्यक्ष सह केयू ब्रांच कोर्डिनेटर डॉ रवीन्द्र कुमार चौधरी ने अतिथियों के परिचय वक्तव्य के क्रम में कहा कि 1850 से लेकर आज तक की कविता आधुनिक कविता के नाम से पहचानी जाती है. जो विविध आंदोलनों से गुजर कर अपनी विकास की चरम सीमा पर पहुंच चुकी है. संगोष्ठी का संचालन सविता पॉल तथा धन्यवाद ज्ञापन लक्ष्मी कुमारी ने किया. इस अवसर पर राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के डॉ विशाल विक्रम सिंह, मगध विश्वविद्यालय, गया के डॉ विक्रम आनंद, डॉ तपेश्वर पांडे, डॉ बीबी भुइयां, प्रो डी द्विवेदी, प्रो बीपी महारथा व अन्य उपस्थित थे.