जमशेदपुर: देशभर में स्वच्छता सर्वेक्षण का हालिया रिपोर्ट जारी कर दिया गया है. झारखंड का आदित्यपुर नगर निगम इस साल भी स्वच्छता सर्वेक्षण में फिसड्डी साबित हुआ है. लगातार तीन साल से आदित्यपुर नगर निगम की जनता आपने निगम क्षेत्र के रैंकिग में सुधार देखना चाहती है, लेकिन अब तक नगर निगम या मेयर अथवा डिप्टी मेयर एवं पार्षदों की ओर से इस दिशा में कोई सार्थक पहल नही किया गया है. कारण इन तस्वीरों को देखकर आप समझ सकते हैं. गंदगी से बजबजाते मुख्य सड़कें. अपनी दास्तान स्वतः आपको सुना देंगे. इसके अलावा सड़कों, गलियों और मुहल्लों में गंदे नालों और गड्ढों का पानी आपको बता देगा विभागीय लापरवाही की कहानियां. 2018 में नगर निगम का पहला चुनाव हुआ. भाजपा समर्थित प्रत्याशियों को जनता ने मेयर और डिप्टी मेयर के पद पर इस उम्मीद से बैठाया कि जनता की परेशानियों का समाधान डबल इंजन नहीं ट्रिपल इंजन के माध्यम से होगा, लेकिन वहीं हुआ तो पहले से होता चला आया है.
सभी 35 वॉर्डों की जनता बस इसी इंतजार में बैठी है, कि अगला चुनाव जल्द हो ताकि अपनी भूल को सुधार सकें. वैसे इसमें केवल पद पर काबिज लोगों को ही जिम्मेवार ठहराना उचित नहीं होगा. इसके लिए कमजोर विपक्ष भी उतना ही जिम्मेवार है. भले जनता ने उन्हें मौका नहीं दिया तो क्या मजबूत विपक्ष की भूमिका वे नहीं निभा सकते थे. कुछ नेता यदा कदा दबी जुबान से विरोध जरूर कर देते हैं, लेकिन उनमें वो दम नजर नहीं आता कि वे बड़ा आंदोलन खड़ा कर सके. वैसे क्षेत्र की जनता अगर चाह ले तो अपने अधिकार की आवाज को खुद बुलंद कर सकते है. फिलाहल नगर निगम क्षेत्र की जनता त्राहिमाम कर रही है, और जल्द ही निगम के खिलाफ बड़ा आंदोलन सामने आ सकता है.