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Adityapur : स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ नर्सिंग होम संचालक के बयान को लेकर सर्वदलीय बैठक, डॉ ओपी आनंद के डिग्री की जांच की उठी मांग

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आदित्यपुर : आदित्यपुर एस टाइप बजरंगबली मंदिर में संजीव कुमार सिंह उर्फ बबुआ सिंह के नेतृत्व में एक सर्वदलीय बैठक आयोजित किया गया. जिसमें भाजपा, राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, भारतीय जन मोर्चा, एवं आदित्यपुर नगर निगम के पार्षद मौजूद रहे. सभी ने  111 अस्पताल के प्रबंधक ओपी आनंद द्वारा स्वास्थ्य मंत्री एवं जांच अधिकारियों के खिलाफ किए गए अमर्यादित टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसे डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की. सभी ने एक ज्ञापन व्हाट्सएप के माध्यम से डीसी सरायकेला- खरसावां को दिया. साथ ही उनसे इस संबंध में जांच कर कार्रवाई की मांग की. इस बैठक में आदित्यपुर नगर निगम वार्ड 16 की पार्षद नीतू शर्मा, पंचायत समिति सदस्य एवं गम्हरिया प्रखंड के भाजपा महामंत्री अजीत कुमार सिंह, मीडिया प्रभारी भाजपा के विवेक कुमार, राष्ट्रीय जनता दल युवा मोर्चा के सरायकेला- खरसावां जिला अध्यक्ष उदित यादव, सरायकेला- खरसावां कांग्रेस इंटक के जिला महामंत्री अवधेश सिंह, भारतीय जन मोर्चा के अमित कुमार सिन्हा, जिला कांग्रेस इंटक के सचिव वीरेंद्र राय, भाजपा उद्योग प्रकोष्ठ के झारखंड प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रंजीत सांडिल, बन्ना गुप्ता फैंस क्लब के कमल देव राय, मनीष सिंह आदि मौजूद रहे. (नीचे भी पढ़ें)

यूपीए ने जताई कड़ी आपत्ति
111 सेव लाइफ हॉस्पिटल के डॉ ओपी आनंद द्वारा स्वास्थ मंत्री को लेकर शनिवार को दिए गए बयान पर कांग्रेसियों के साथ यूपीए ने भी कड़ी आपत्ति जताते हुए डॉ आनंद के डिग्री की जांच कराए जाने की मांग की है. एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से इन्होंने बताया कि डॉ आनंद के स्वास्थ्य मंत्री पर दिए गए बयान न सिर्फ निंदनीय बल्कि निराशाजनक भी है. उनका बयान जिसमे उन्होंने  मंत्री के लिए आपत्तिजनक भाषा (गालियों) का इस्तेमाल किया है, ये डॉ आनंद के संस्कार और उनकी घटिया शिक्षा- दीक्षा को प्रदर्शित करता है. एक डॉक्टर के मुंह से ऐसी भाषा सुनकर तो ऐसा लगता है जैसे उन्होंने डॉक्टरी की पढ़ाई भी सही से किया है या नही, इसकी भी जांच होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि डॉ आनंद को ये समझना चाहिए, कि अगर जनता की तरफ से उनके अस्पताल को लेकर किसी तरह की कोई शिकायत स्वास्थ्य मंत्री के पास की जाएगी तो मंत्री का ये कर्तव्य है, कि उसकी जांच करवाएं, जो मंत्री ने किया.  लेकिन खुद के अस्पताल की जांच की बात डॉ आनंद से बर्दाश्त नही हुई, ये बहुत बड़ा सबूत है कि उनके अस्पताल में फीस को लेकर कुछ तो गलत हो रहा है. जो आदमी गलत नही होता, उसे किसी भी जांच से कोई परेशानी नही होती, लेकिन जो आदमी गलत होता है, उसे अपने ऊपर करवाई जा रही जांच से परेशानी हो जाती है और वो अपना आपा खोने लगता है जो डॉ आनंद ने किया. डॉ.आनंद का बयान उनके घटिया संस्कारों को दिखाता है. ऐसे घटिया बयान देने वाले डॉ का व्यक्तित्व कितना घटिया होगा. यूपीए के सभी सहयोगी गठबंधन दलों के नेताओं ने डॉक्टर ओपी आनंद के बयान की निंदा करते हुए डॉक्टर ओपी आनंद से तत्काल स्वास्थ्य मंत्री से माफ़ी मांगने की मांग की. इस दौरान कांग्रेस  जिलाध्यक्ष छोटेराय किस्कू, नगर अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह, जेएमएम जिला उपाध्यक्ष पवित्रो बर्मन उर्फ गोरा, जिला उपाध्यक्ष सुनील सिंह, उपाध्यक्ष एमडी रिजवान, उपाध्यक्ष केशव सिंह आदि मौजूद रहे.

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