
आदित्यपुर : सरायकेला-खरसावां जिले के आरआईटी थाना अंतर्गत बाबकुटी निवासी रिटायर्ड बीएसएनएल कर्मी अरविंद कुमार राय की डॉक्टर पुत्री ममता राय की मौत आज तीन साल बाद भी रहस्य बनी हुई है. डॉक्टर ममता एम्स से पीजी कर रही थी. एक सेमिनार और क्विज में हिस्सा लेने कोच्चि गयी थीं. जहां डॉ ममता का शव 19 जनवरी 2018 को एर्नाकुलम सेंट्रल थाना क्षेत्र स्थित एक होटल से बरामद किया गया था. पिता एके राय ने 30 जनवरी 18 को एर्नाकुलम सेंट्रल थाने में केस संख्या 195/2018 दर्ज कराया था, जिसमें डॉ संजय अनिता के सहकर्मी डॉ नेहा और डॉ आलोक पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. उधर डॉ ममता की संदिग्ध मौत पर झारखंड में उस वक्त काफी हो-हंगामा हुआ था. हर तरफ से डॉ ममता के लिए इंसाफ की आवाज उठाई गई, तत्कालीन रघुवर सरकार ने भी केरल सरकार से डॉ ममता मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की अनुशंसा की थी, लेकिन सब आज तक कुछ नहीं हुआ. आज भी डॉ ममता की मौत रहस्य बनी हुई है. (नीचे भी पढ़ें)

डॉ ममता के पिता ने आरोप लगाया था कि डॉ संजय बेटी पर शादी का दबाव बना रहा था. इंकार करने पर मारपीट और षड़यंत्र रच जबरन सुसाइड नोट लिखवाया तथा पंखे से लटकाकर हत्या कर दी. संजय ने दो जनवरी को ममता से मारपीट की थी. उसके शरीर पर जख्म के निशान होने की बात सामने आई थी. हालांकि उस वक्त परिवार वालों को डॉ ममता ने हादसा बताया था. पिता ने आरोप लगाया था कि ममता के साथ मारपीट में डॉ आलोक और डॉ नेहा भी साथ देते थे. तीन साल बाद शार्प भारत ने जब डॉ ममता के पिता से केस की प्रगति के सम्बंध में जानने का प्रयास किया तो उन्होंने बताया क्राइम ब्यूरो और सीआईडी केरल के पास केस पेंडिंग है. उन्होंने इंसाफ मिलने की लगभग उम्मीद छोड़ देने की बात कही. जबकि उनकी पत्नी यानी ममता की मां आज तक सदमे में है. वहीं उस वक्त हो-हंगामा करने वाले आम-ओ-खास डॉ ममता को भूल चुके हैं. बाबा कुटी के लोग आज भी अपनी लाडली को खोने से दुःखी हैं. बता दें कि डॉ ममता राय ने 2005 में डीएवी एनआइटी से 10वीं की परीक्षा पास की थी. ममता ने स्कूल टॉपर होने के साथ पूरे राज्य में तीसरा स्थान प्राप्त किया था. उसके बाद रांची के डीएवी श्यामली स्कूल से 12वीं पास की थी. 2007 में ऑल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट (एआइपीएमटी) क्वालीफाई करने के बाद असम के मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की थी. उसके बाद एम्स से पीजी कर रही थी.