


आदित्यपुर : सरायकेला जिले के आदित्यपुर स्थित इंडो डेनिश टूल रूम के 60 से भी अधिक अस्थायी कर्मचारियों ने प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, और पिछले तीन दिनों से टूल रूम परिसर में धरना प्रदर्शन कर प्रबंधन के खिलाफ विरोध कर रहे हैं. वैसे यहां के अलावा पटना ब्रांच के भी 50 से 60 अस्थायीकर्मी प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इनकी मांग समान काम के बदले समान वेतन का हैं. मजदूरों के साथ भेदभाव बंद करने के साथ आईडीटीआर के पेरोल पर काम दिए जाने की मांग कर रहे हैं. धरने पर बैठे कर्मियों में संस्थान में सेवा दे रहे शिक्षक, मेंटेनेंस, प्रोडक्शन, सिक्युरिटी गार्ड, सफाई कर्मी शामिल हैं. इस दौरान कर्मियों ने संस्थान के एमडी आनंद दयाल पर कई गम्भीर आरोप लगाते हुए पूरे संस्थान को भ्रष्टाचार में लिप्त बताया. इन्होंने बताया कि, संस्थान झारखंड स्किल डेवलपमेंट (जेएसडीएम) और एमएसएमई के नाम पर सरकार को करोड़ों का चूना लगा रहा है. साथ ही आईटीआई और अन्य कोर्स के लिए छात्रों से लिए गए सिक्युरिटी मनी को छात्रों को लौटाने से आनाकानी करने का आरोप लगाया. कर्मियों ने बताया कि कर्मियों का शोषण करने के लिए संस्थान तीन एजेंसियों के माध्यम से यहां काम करा रही है. आईडीटीआर द्वारा परिचय पत्र भी नहीं दिया जाता है. मांगने पर एमडी द्वारा काम से हटा देने की धमकी दी जाती है. कर्मियों ने एमडी को भ्रष्टाचार में लिप्त बताते हुए सरकार और जिला प्रशासन से फंड के एवज में जांच कराए जाने की मांग की है. वही संस्थान के प्रबंधक द्वारा हड़ताल का कवरेज करने पहुंचे मीडिया कर्मियों को संस्थान के भीतर प्रवेश करने से रोक दिया गया. जिसके बाद आंदोलित कर्मचारी खुद ही संस्थान के गेट से बाहर आ गए. और वैसे इन्होंने मांगे पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही है. अब सवाल ये उठता है, कि आखिर देश में हो क्या रहा है, किसान आंदोलित, पारा शिक्षक आंदोलित, सहायक पुलिस आंदोलित… सुध लेने वाला कोई नहीं. देश और राज्य के छात्रों को तकनीकी शिक्षा देने वाले शिक्षक और कर्मचारी आज प्रबंधन के अड़ियल रवैया के कारण आंदोलन को बाध्य हैं, जबकि संस्थान को चलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार से हर साल करोड़ों का फंड दिया जाता है.