सरायकेला : सरायकेला- खरसावां जिले के आदित्यपुर स्थित मेडिट्रीना अस्पताल फिर से विवादों में घिर गया है. जहां रविवार को आरआईटी थाना अंतर्गत वार्ड 23 निवासी देवेन्द्र पंडित के संदिग्ध मौत पर परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही और भ्रम में रखने का आरोप लगाते हुए जमकर बवाल काटा. उधर परिजनों के आक्रोश को देखते हुए अस्पताल कर्मी एवं डॉक्टर मौके भाग निकले. आपको बता दें, कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब मेडिट्रीना अस्पताल के डॉक्टरों एवं अस्पताल प्रबंधन पर मरीजों के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगा है. इससे पूर्व भी अस्पताल प्रशासन एवं डॉक्टरों की कार्यशैली विवादों के घेरे में रही है. बताया जाता है, कि देवेंद्र पंडित का आयुष्मान कार्ड रहने के बाद भी अस्पताल प्रशासन ने उन्हें भर्ती लेने से मना कर दिया.
जबरन ईलाज के लिए परिजनों से अस्पताल प्रशासन ने पहले 12 हजार रुपये जमा कराया. उसके बाद ऑपरेशन के बाद 46 हजार 5 सौ 57 रुपए की मांग की गई. पैरलायसिस की शिकायत पर देवेन्द्र पंडित को पिछले 8 दिसम्बर को भर्ती कराया गया था. 13 दिसंबर को जब परिजन मरीज से मिलने पहुंचे तो उन्हें 46 हजार 5 सौ 57 रुपए की पुनः मांग की गई. जबरन परिजन जब मरीज से मिलने की जिद करने लगे, तो अस्पताल प्रशासन ने उन्हें मरीज को आयुष्मान के तहत सुविधा दिए जाने की बात बता टालमटोल करने लगे. परिजनों को शक हुआ तो उन्होंने मरीज से मिलने के बाद ही पैसे जमा कराने की बात कही. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने मरीज को मृत घोषित कर दिया. परिजनों ने बताया, कि अस्पताल प्रशासन द्वारा मामले में लापरवाही बरतते हुए दिखावे के लिए वेंटिलेटर और ऑक्सीजन पर रखा गया ताकि बिल बढ़ाया जा सके. परिजनों ने जब मामले पर अस्पताल प्रबंधन एवं डॉक्टरों से बात करना चाहा तो सभी टालमटोल करते रहे. आक्रोशित परिजनों ने जमकर बवाल काटा. उधर जानकारी मिलते ही समाजसेवी राकेश सिंह, बाबू तांती, रमेश बलमुचू वगैरह पहुंचे, लेकिन अस्पताल प्रबंधन इस मामले पर कुछ भी बोलने से बचता रहा. वैसे किसी तरह मामले को शांत कराया गया. अंततः परिजनों द्वारा दस हजार रुपए जमा करा मृतक का शव अस्पताल से अपने कब्जे में लिया गया.