
सरायकेला : सरायकेला- खरसावां जिला का आदित्यपुर नगर निगम एक बार फिर से सुर्खियों में है. वैसे तो साफ-सफाई, गंदगी, ध्वस्त हो चुके सीवरेज-ड्रेनेज सिस्टम, गड्ढों में तब्दील हो चुकी सड़कों के कारण निगम क्षेत्र की जनता त्राहिमाम कर रही है, लेकिन अब नगर निगम के वार्ड 17 की पार्षद ने अचानक नगर आयुक्त को इस्तीफा देने की घोषणा कर सबको चौंका दिया है. हालांकि नगर आयुक्त ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है. वहीं पार्षद नीतू शर्मा ने पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी दीपक सहाय से लेकर मेयर, डिप्टी मेयर, नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर भी निगम क्षेत्र के वार्ड 9, 13, 17 और 23 के पार्षदों को दिए जाने वाले 7 महीने के मानदेय की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. श्रीमती शर्मा ने बताया कि नगर निगम का चुनाव अप्रैल 2018 में संपन्न हुआ था. 20 अप्रैल को पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह में उनके अलावा तीन पार्षद समय से शामिल नहीं हो सके थे, जबकि एक पार्षद ने शामिल नहीं होने की जानकारी तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी को दे दी थी. नियम के अनुसार 3 महीने के भीतर शपथ ग्रहण होना चाहिए था, लेकिन तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी के उदासीन रवैया एवं मेयर- डिप्टी मेयर की लापरवाही के कारण 7 महीने बाद शपथ ग्रहण कराया गया. जिससे 1 लाख 96 हजार का मानदेय आज तक रुका हुआ है. उन्होंने बताया कि इस बीच बोर्ड की बैठक, एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सभी चयनित 4 पार्षदों को शामिल कराया गया, लेकिन मानदेय देने के नाम पर सबों ने चुप्पी साध रखी है. मेयर एवं डिप्टी मेयर को लग्जरी गाड़ियां उपलब्ध कराने में नियम कानून को ताक पर रख दिया गया, लेकिन पार्षदों के मानदेय पर किसी ने आज तक कुछ भी नहीं कहा. वैसे बाकी के 3 पार्षदों के भूख हड़ताल करने की चेतावनी दिए जाने की बात उन्होंने कही, लेकिन अपने निर्णय पर अभी भी वे अडिग हैं और इस पर रायशुमारी करने की बात उन्होंने कही. कुल मिलाकर आदित्यपुर नगर निगम की कार्यशैली एक बार फिर से चर्चा में है.