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Adityapur : दिव्यांग राहुल कालिंदी के पेंशन व लाल कार्ड में नहीं आएगी कोई अड़चन, डीसी ने दिए निर्देश

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आदित्यपुर : सरायकेला खरसावां जिले के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के उत्तमडीह कालिंदीपाड़ा के जन्म से ही दिव्यांग युवक राहुल कालिंदी का दिव्यांगता पेंशन और लाल कार्ड से मिलनेवाला राशन अब बंद नहीं होगा. शार्प भारत पर खबर खबर प्रकाशित होने के बाद जिले के उपायुक्त ने तत्काल मामले पर संज्ञान लेते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी और आधार कार्ड बनाने वाली एजेंसी के पदाधिकारियों को दिव्यांग राहुल का हिंदी का आधार कार्ड बनवाने का निर्देश दिया जहां उपायुक्त के निर्देश के बाद शुक्रवार को बहरिया प्रखंड विकास पदाधिकारी की पहल पर राहुल का आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है जिले के उपायुक्त अरवा राजकमल ने शार्प भारत के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें जैसे ही जानकारी मिली उन्होंने सम्बंधित पदाधिकारियों को तत्काल दिव्यांग का आधार कार्ड बनाने का निर्देश दिया. उन्होंने खुशी जताई कि उनके प्रयास से दिव्यांग को मिलने वाली सभी तरह की सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा. उन्होंने आम लोगों से ऐसे मामलों को जिला प्रशासन के किसी भी पदाधिकारियों को सूचित करने की अपील की. साथ ही मीडिया कर्मियों से भी ऐसे मामलों को संज्ञान में लाने की अपील की. विदित रहे कि जन्म से ही दिव्यांग राहुल कालिंदी के पास  आधार कार्ड नहीं था. इसको लेकर राहुल के माता-पिता और परिजन चिंतित थे. कई बार परिजनों ने सरकारी दफ्तरों और अधिकारियों के पास गुहार लगाई. यहां तक, कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों के दरवाजे भी खटखटाए नतीजा अब तक सिफर ही रहा था. दिव्यांगता पेंशन देनेवाले बैंक का कहना था, कि अगर समय पर आधार कार्ड जमा नहीं किया गया तो उन्हें मजबूरन पेंशन बंद करना होगा. यहां तक कि सरकारी पीडीएस डीलर द्वारा भी परिजनों को आधार कार्ड जमा कराने का दबाव बनाया जा रहा था. बताया जा रहा है, कि अगर आधार कार्ड जमा नहीं किया गया, तो मजबूरन राहुल कालिंदी का राशन बंद कर दिया जाएगा. हताश परिजन दर-दर की ठोकरें खा रहे थे, लेकिन अब तक दिव्यांग राहुल कालिंदी का आधार कार्ड नहीं बन सका था. वैसे राहुल का पूरा परिवार गरीबी रेखा से भी नीचे का जीवन बसर करता है. सुबह भोजन बनता है, तो रात की चिंता सताती है. रात को भोजन बनता है, तो सुबह की चिंता सताती है. उतने पैसे नहीं, कि हर दिन सरकारी दफ्तरों की दौड़ लगा सके. बहरहाल शार्प भारत के प्रयासों से राहुल को अब जल्द ही सरकारी पहचान मिलने की उम्मीद जग गई है. हम जिले के उपायुक्त के प्रति आभार प्रकट करते हैं, जो उन्होंने हमारी खबरों को प्रमुखता से लिया और मामले की गंभीरता को समझते हुए दिव्यांग राहुल कालिंदी को मदद करने का निर्देश दिया.

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