

आदित्यपुर : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन द्वारा गुरुवार को आम जनता और ग्राहकों को निजीकरण के खिलाफ जागरूक करने के लिए आदित्यपुर आकाशवाणी चौक पर बैंक के महिला और पुरुष कर्मचारी और अधिकारी इकट्ठा हुए। इस दौरान उन्होंने सरकार के सरकारी संस्थाओं के निजीकरण की नीतियों के विरुद्ध अपने रोष जताते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंको से आम आदमी को मिल रहे लाभ के संबंध में तथा निजीकरण के पश्चात होने वाले परेशानियों से अवगत कराया। वक्ताओं ने मांग की कि सिर्फ बैंक ही नही, रेलवे के निजीकरण एल आई सी की पूंजी का विनिवेश, तेल कंपनियों की बिक्री के प्रस्ताव को तुरंतप्रभाव से रद्द किया जाये। वक्ताओं ने आम जनता को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीयकरण के पूर्व बैंक निजी हाथों में थे और मात्र 2000शाखाएं थी जो राष्ट्रीयकरण के बाद बढ़कर ढाई लाख के आस पास हो गई है। वक्ताओं ने कहा कि बैंको में जमा पूंजी आम जनता ही है और इसका उपयोग आम जनता के लिए, देश हित के कार्यों और विकास के लिए लिया जाना चाहिए न कि उन बड़े पूंजीपतियों और व्यापारिक घरानों को लोन के रूप में दिया जाना चाहिए ,जिनकी वजह से बैंको का एन पी ए बढ़ रहा है। इनकी कोई भी बचत या पूंजी बैंको में जमा नही होती। इस सभा में निजी बैंको के राष्ट्रीयकरण की मांग भी की गई। कार्यक्रम का संचालन संयोजक कॉम रिंटू रजक ने किया सभा को , आर ए सिंह, कॉम आर एन पी सिंह, कॉम रामजी प्रसाद, शर्मा, कॉम खुशबू मुंडा, कॉम सत्य प्रकाश, कॉम सुजय घोष, आम जनता के बीच से अंबुज पांडे और कॉम हीरा अरकने ने संबोधित किया। ने संबोधित किया। कॉम हीरा अरकाने ने जोरदार नारे लगाकर आम जनता को आंदोलन में शामिल होने और सरकारी बैंकों के निजीकरण की कुत्सित प्रयास को विफल बनाने का आह्वाहन किया। इस बीच आम जनता द्वारा वक्ताओं ले बातें सुनने के लिए सड़क पर लोग खड़े रहे। सभा में कॉम आर बी सहाय, कॉम शशि,कॉम सुजीत घोष, कॉम आर के भौमिक,कॉम पांडु राम सोरेन,कॉम श्वेता कुमारी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
