जमशेदपुर : प्रचंड गर्मी और अनेक कठिनाइयों के बावजूद आदिवासी सेंगेल अभियान के द्वारा आहूत संताली राजभाषा रैली (जनसभा) 30 अप्रैल 2022 को रांची के मोरहाबादी मैदान में होगा. भारत के 5 प्रदेशों (झारखंड, बंगाल, बिहार, ओडिशा, असाम) और पड़ोसी देश नेपाल, भूटान, बांग्लादेश में इसके नीमित बृहद जन जागरण का कार्य विगत छह महीनों से चला है. साथ ही 5 प्रदेशों के संताली भाषा-भाषी सभी संताल विधायक/ सांसद, मंत्री आदि को भी जनसभा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. झारखंड प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मुख्य अतिथि के रुप में आमंत्रित हैं. उसी प्रकार पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय मंत्री विशेश्वर टुडू, मंत्री चंपई सोरेन, मंत्री जोबा माझी, विधायक लोबिन हेम्ब्रम, विधायक सीता सोरेन आदि जनसभा में आमंत्रित किया गया हैं. ज्ञातव्य हो कि संताली भाषा देश की प्रथम बड़ी आदिवासी भाषा है जो राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त (8 वीं अनुसूची में शामिल) है. (नीचे भी पढ़ें)
बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर निर्मित झारखंड मूलतः एक आदिवासी प्रदेश है. मगर आदिवासी- मूलवासी (झारखंडी) भाषाओं की समृद्धि अर्थात पठन-पाठन, सरकारी कार्य, नियोजन, मीडिया संचार और व्यवसाय आदि में इसकी उपेक्षा से झारखंड निर्माण के औचित्य पर हमला जारी है. इसका सीधा संबंध झारखंडी स्थानीयता और रोजगार आदि से भी है. संताली राजभाषा रैली से बाकी झारखंडी भाषाओं को प्रेरणा मिलेगा. झारखंडी जन के बीच अपनी भाषा-संस्कृति को बचाने का स्वाभिमान जागेगा. संताली राजभाषा रैली की तैयारी पूरी हो गयी है. देश- विदेश के प्रतिनिधि 30 अप्रैल 2022 को दोपहर 12 बजे तक रांची में जुटेंगे. आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रतिनिधि प्रदेश अध्यक्ष देवनारायण मुर्मू और केंद्रीय संयोजक हराधन मार्डी के नेतृत्व में 20 अप्रैल 22 को रांची के उपायुक्त से मिलकर जनसभा करने की सहमति प्राप्त कर चुके हैं. जनसभा शांतिपूर्ण और अनुशासित होगा.