जमशेदपुर : अखिल झारखंड छात्र संघ एवं कल्याण नगर बस्ती विकास समिति के माननीय उपायुक्त महोदय को एक मांग पत्र सौंपा गया. मांग पत्र में कहा गया है कि कई दिनों से छात्र संघ और समिति के नेताओ के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में बाहर राज्य से चोरी-छुपे हमारे जमशेदपुर में आ रहे लोगो की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को जानकारी देते रहते है. परंतु विभाग के द्वारा उन लोगों को होम क्वारंटाइन किया जा रहा है. उसके बाद वहीं लोग सार्वजनिक स्थानों में घूम रहे है, मार्केटिंग करने जा रहे है, ऐसी स्थिति में तो मामला काफी भयानक हो जाएगा. भगवान न करे अगर वहीं लोगो में से कोई पोजिटिव केस हो जाय तो कितने लोग इससे संक्रमित हो जाएंगे इससे, यह व्यवस्था को सुधारने हेतु आज यह मांग किया गया कि को लोग सरकार की सहायता से या चोरी-छिपे दूसरे राज्य से आए हैं उन्हें होम क्वारंटाइन करने के बजाय सरकार के द्वारा निर्मित क्वारंटाइन सेंटर में भेजा जाय, रांची स्वास्थ्य विभाग की तरह गलती ना किया जाय ,अन्यथा स्थिति सुधरने की जगह बिगड़ जाएगी.
एडीसी के व्यवहार पर असंतोष, लॉकडाउन बाद आंदोलन करेगा अझाछासं
मुलाकात कर सारे बातें बतायी गयी परंतु एडीसी का रवैया काफी गलत, दूसरे दल के नेता, जमात के नेता, सिख समाज के नेता सभी एडीसी से मिल रहे थे, एडीसी ने मुझे धमकाया, कहा तुमने अपना पास बनाया है क्या हम लोगों से मिलने के लिए लॉक डाउन का केस करवा देंगे. उपायुक्त ने कल ही कितना लोगों के खिलाफ केस करवाए हैं. तब मैंने कहा सर मै एक छात्र संघ का अध्यक्ष हूं, और पूरी टीम के साथ जरूरतमंदो को राशन से लेकर, बाहर से आने वाले सारे लोगो की जानकारी कंट्रोल रूम को देता हूं. मेडिकल टीम को पूरा साथ देता हूं. इस तरह से एडीसी का व्यवहार सहन करने योग्य नहीं है और इस तरह के व्यवहार से हम जैसे सामाजिक लोगों के साथ व्यवहार कर रहे है तो आम लोगों के साथ उनका कैसा व्यवहार रहता होगा. दूसरे दल के लोगो को बैठा कर, जोर-जोर से ठहाके लगा रहे थे, पर छात्र संघ के साथ ऐसा व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. लॉकडाउन की समाप्ति के बाद एडीसी जमशेदपुर के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा, ओर उनके कर्तव्यों का अहसास करवाया जाएगा. मांग पत्र सौंपनेवाले प्रतिनिधिमंडल में अखिल झारखंड छात्र संघ के अध्यक्ष सह बस्ती विकास समिति उपाध्यक्ष हेमन्त पाठक, अनिल शर्मा, अजित मुखी, कुंदन बेरा, आकाश मोदक, मनोज गुप्ता व अन्य उपस्थित थे.