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अरका जैन यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों को मिला उद्यमिता के क्षेत्र में सफलता का मंत्र

राशिफल

अरका जैन यूनिवर्सिटी में उद्यमिता पर प्रकाश डालते मैनेजमेंट गुरु.

जमशेदपुर : अरका जैन विश्वविद्यालय की ओर से गुरुवार को साकची स्थित राजेंद्र विद्यालय प्रेक्षागृह में ‘शिखर’ शीर्षक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका विषय था ‘जर्नी ऑफ एन एंटरप्रेन्योर’. इसमें विभिन्न क्षेत्रों से आये सफल उद्यमियों ने विद्यार्थियों के साथ अपने अनुभव साझा किये, साथ उन्हें सफलता के टिप्स दिये. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सूरज ग्रुप ऑफ कंपनीज के कार्यकारी निदेशक प्रकाश कुमार खेमानी ने कहा कि असफलता और संघर्ष उद्यमशीलता का पहला पड़ाव है. लेकिन लक्ष्य की प्रप्ति के लिए सफलता की लालसा व पूर्ण समर्पण के साथ निरंतर प्रयासरत रहने की जरूरत है. एलकेमिस्ट एविएशन के एमडी मृणाल पॉल ने उद्यमशीलता सृजनशीलता को क्रियान्वयन में लाने की एक पहल है. निरंतर परिश्रम व उठ कर गिरना तथा समर्पित भाव से फिर लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में लग जाना उद्यमशीलता का प्रमुख कारक है. व्हाइट प्ले कार्ड टेक्नोलॉजी के सीईओ चंदन तिवारी ने कहा कि नया व अपने सपने को पूरा करने के लिए त्याग व समर्पण के साथ ही बड़ी सोच की जरूरत है, जिससे समाज के एक वर्ग की जीवन शैली में कुछ नया लाया जा सके. परिवर्तन लाने की कूबत और असफल होने पर भी सफलता के लिए अग्रसर होने तथा समाज को कुछ देने की प्रवृति ही एक सफल उद्यमी की निशानी है. कार्यक्रम में वक्ता के रूप में उपस्थित उद्यमी रांची मॉल के सीईओ राजीव कुमार गुप्ता, टोबासो प्रईवेट लिमिटेड के निदेशक सौरभ गुप्ता व शिल्पकारी के निदेशक अतुल कुमार ने भी अपने विचार रखे व विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया. इससे पूर्व अतिथि वक्ताओं समेत विश्वविद्यालय के निदेशक अमित कुमार श्रीवास्तव, कुलपति डॉ एसएस रजी, डीन डॉ अंगद तिवारी, वित्त पदाधिकारी ऋचा गर्ग, रजिस्ट्रार जसवीर धंजल, प्रो पारसनाथ मिश्रा व चारु वाधवा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया.

यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में मौजूद पदाधिकारी व छात्र-छात्राएं.

उद्यमशीलता घर चलाने तक ही सीमित नहीं : अमित श्रीवास्तव
मोटिवेशनल स्पीच देते हुए विश्वविद्यालय के निदेशक अमित श्रीवास्तव ने कहा कि उद्यमशीलता परिवार व घर चलाने तक की सोच तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह उससे बहुत आगे बढ़ कर एक बड़ी पहल है. अरका जैन विश्वविद्यालय विद्यार्थियों में उनकी उद्यमशीलता की भावना को छात्र जीवन में ही सशक्त बनाना चाहता है. कुलपति डॉ एसएस रजी ने स्वागत भाषण करते हुए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की. बीज वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए प्रो पारसनाथ मिश्रा ने कहा कि युवाओं की शिक्षा तथा वास्तविक व औद्योगिक कार्यशैली में एक बड़ा अंतर है, जिसे पाटने की जरूरत है. सफल उद्योमियों के संघर्ष व विचारों का क्रियान्वयन उनके संघर्ष से सीख कर अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है. कार्यक्रम के समापन पर सभी अतिथि वक्ताओं को शॉल व प्रतीक चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं समेत छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.

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