जमशेदपुर : अरका जैन विश्वविद्यालय में विश्व स्तर में ब्रैस्ट फीडिंग वीक मनाया जा रहा है। बता दे,ब्रैस्ट फीडिंग वीक(विश्व स्तनपान सप्ताह) हर साल अगस्त महीने के 1 से 7 तारीख तक मनाया जाता है। इस विश्व स्तनपान सप्ताह का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को स्तनपान के विषय में जागरूक करना है। इस काम का बीड़ा उठाते हुए ,अरका जैन विश्वविद्यालय के नर्सिंग विभाग ने ब्रैस्ट फीडिंग वीक का साप्तहिक आयोजन आदित्यपुर एवं गम्हरिया में स्तिथ विभिन्न क्षेत्रों जैसे सामुदायिक स्वास्थय केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थय केंद्रों एवं आंगनबाड़ी में करने की योजना बनायी है। इस आयोजन के के माध्यम से शादीशुदा महिलाओं, गर्भवती एवं प्रसवोत्तर महिलाओं को स्तनपान एवं उससे जुड़े लाभों के बारे में बताने की कोशिश अरका जैन विश्वविद्यालय बखूबी कर रहा है। (नीचे भी पढ़ें)
कार्यक्रम की पूर्ति हेतु गम्हरिया सामुदायिक स्वास्थय केंद्र की इंचार्ज मेडिकल अफसर डॉ प्रमिला की सहायता से एवं अरका जैन विश्वविद्यालय नर्सिंग संकाय की प्रधानाध्यापिका जीनु एनी जोसफ (संचालिका) के नेतृत्वा में 1 अगस्त 2022 गम्हरिया स्तिथ सामुदायिक स्वास्थय केंद्र से की गयी। नर्सिंग अनुशिक्षक अंशुमाला खलखो ने ब्रेस्ट फीडिंग की जरूरतों के बारे में बताया। मुख्य रूप से उन्होंने बताया कि स्तनपान शिशु के जीवन के लिए जरूरी है, क्योंकि मां का दूध सुपाच्य होता है और इससे पेट की गड़बड़ियों की आशंका नहीं होती। मां का दूध शिशु की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक होता है। स्तनपान से दमा और कान की बीमारी पर नियंत्रण कायम होता है, क्योंकि मां का दूध शिशु की नाक और गले में प्रतिरोधी त्वचा बना देता है। प्रोग्राम को आगे बढ़ाते हुए संयोजक रही नर्सिंग की शिक्षिका मिस पारवती मार्डी फीडिंग के तकनीक के बारे में बताया। जैसे :- क्रैडल होल्ड (क्रैडल होल्ड) यह सबसे आरामदायक पोजीशन में से एक है, जिसे एक मां अपने बच्चे के लिए चुन सकती है। क्रॉसओवर होल्ड (क्रॉसओवर होल्ड) अपने छोटे बच्चे के सिर को स्तन के विपरीत हाथ से पकड़ें, जिससे आप दूध पिला रही होंगी। साइड लाइंग पोजीशन (करवट पोजीशन)। (नीचे भी पढ़ें)
वहीं नर्सिंग शिक्षिका मन्दिरा महर्जन ने ब्रेस्ट फीडिंग से जुड़े स्वछता एवं बर्पिंग तकनीक (डकार तकनीक) के बारे में बताया। उदिता गोराई, दिब्या रूपा गोप, बिनीता कुमारी एवं ऋतु तिग्गा ने स्तनपान की अवधि, अनन्य स्तनपान और 6 माह के बाद शिशु के ऊपरी आहार के बारे सभी को जागरूक किया। बता दें कि नवजात की बेहतर सेहत के लिए जरूरी है कि 6 महीने तक उसे केवल मां का दूध ही पिलाएं और जान शिशु 6 महीना पूरा कर ले तब आप अपने बच्चे को ब्रेस्टफीड करवाने के साथ ही धीरे धीरे ठोस आहार भी दे सकते हैं. उबली हुई सब्जियों और फलों से आप ऊपरी आहार शुरू कर सकते हैं। इस प्रोग्राम की सराहना करते हुए अरका जैन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सयैद सफ़दर राजी ने कहा कि ये प्रोग्राम समाज हित के लिए बहुत ही प्रेरणादायक कदम साबित होगा और भविष्य में भी अरका जैन विश्वविद्यालय इस तरह के समाज के उन्नति को ध्यान में रखते हुए अपनी भूमिका समय समय पर निभाएगा। इसके अलावा कैंपस डायरेक्टर डॉ अंगद तिवारी, रजिस्ट्रार जसबीर सिंह धंजल और डीन डॉ ज्योतिर्मय साहू ने बधाई देते हुए कहा की इस तरह के कार्य एक स्वास्थ्य सुधार में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।