Bahragoda : राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ दिनेश षाड़ंगी एंड फैमिली की आठ साल बाद बुधवार को भाजपा में घर वापसी हुई. बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र की राजनीति की धूरी रहे डॉ षाड़ंगी के भाजपा में शामिल होने, भाजपा से अलग होने, उनके पुत्र कुणाल षाड़ंगी के झामुमो का विधायक बनने और अब पिता और पुत्र के भाजपा में शामिल होने की एक रोचक कहानी है। विधानसभा चुनाव 1990 में जनता दल के उम्मीदवार के रूप में तथा 1995 में समता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव हारने के बाद डॉ षाड़ंगी 1997 में भाजपा में शामिल हुए. तब भाजपा के एक खेमे ने इनका जोरदार विरोध किया था. विधानसभा चुनाव 2000 में भाजपा ने डॉ षाड़ंगी को बहरागोड़ा विधानसभा से उम्मीदवार बनाया. उन्होंने झामुमो के विद्युत वरण महतो को लगभग 1300 मतों से पराजित किया. झारखंड राज्य अलग हुआ तो डॉ षाड़ंगी राज्य के पहले स्वास्थ्य मंत्री बने. विधानसभा चुनाव 2004 में भी भाजपा ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया. इस चुनाव में भी उन्होंने झामुमो के विद्युत वरण महतो को लगभग 3300 मतों से पराजित किया. इसके बाद वर्ष 2007 के लोकसभा उपचुनाव में भाजपा ने जमशेदपुर संसदीय क्षेत्र से डॉ षाड़ंगी को उम्मीदवार बनाया. परंतु वे चुनाव हार गए. विधानसभा चुनाव 2009 में भाजपा ने तीसरी बार डॉ षाड़ंगी को अपना उम्मीदवार बनाया. इस चुनाव में झामुमो के विद्युत वरण महतो ने उन्हें 17000 मतों से पराजित कर दिया. वर्ष 2011 लोकसभा उपचुनाव के पूर्व डॉ षाड़ंगी झारखंड विकास मोर्चा में शामिल हो गए. विधानसभा चुनाव 2014 में डॉ षाड़ंगी ने दोबारा भाजपा में वापसी की तैयारी शुरू की. भाजपा में शामिल होने की तमाम तैयारियां कर ली गई. मगर किन्हीं कारणों से वे भाजपा में शामिल नहीं हो सके. इस परिस्थिति में उनके पुत्र कुणाल षाड़ंगी झामुमो में शामिल हुए और डॉ षाड़ंगी ने झामुमो को समर्थन दिया. विधानसभा चुनाव 2014 में झामुमो ने कुणाल षाड़ंगी को उम्मीदवार बनाया. भाजपा के उम्मीदवार पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेशानंद गोस्वामी को 15000 मतों से पराजित कर कुणाल षाड़ंगी विधायक बने. बताया जाता है कि डॉ षाड़ंगी के मुख्यमंत्री रघुवर दास पुराने मित्र रहे हैं. कई माह पूर्व जब डॉ षाड़ंगी अस्वस्थ हुए तो रांची में इलाज के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास उनसे मिले. इसके बाद से ही उनके और उनके पुत्र विधायक कुणाल षाड़ंगी के भाजपा में जाने की अटकलें शुरू हो गईं. अंतत: डॉ दिनेश षाड़ंगी और उनके पुत्र झामुमो विधायक कुणाल षाड़ंगी रांची में मुख्यमंत्री रघुवर दास के समक्ष भाजपा में शामिल हो गए.