Chakuliya : चाकुलिया नगर पंचायत क्षेत्र के नामोपारा स्थित राधा कृष्ण मंदिर प्रांगण में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन कथा वाचन करते हुए देव कन्या सुगणा बाई सा ने कहा कि भारतीय संस्कृति अनमोल है. भारतीय संस्कृति हमें यह नहीं सिखाती कि हम खड़े होकर खायें. खाना या प्रसाद बैठकर खायें. जीवन में संस्कार का होना अति आवश्यक है. संस्कार के बिना मनुष्य पशु के समान है. अभिभावक अपने बच्चों को शिक्षा देने के साथ ही अच्छे संस्कार दें. भागवत कथा से हमे ज्ञान के साथ ही संस्कार की शिक्षा मिलती है. सभी अपने-अपने घर में दिन में एक बार जरूर भागवत और गीता का पाठ करें. इससे घर के बच्चों में संस्कार और अपने से बड़े के प्रति प्रेम व सम्मान की भावना जागेगी.
उन्होंने कहा कि भागवत हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है. कथा के दूसरे दिन स्थानीय बच्चे शिव और गौरी के रूप में सज-धज कर कथा स्थल पर पहुंचे, तो आयोजन स्थल शिव-पार्वती की भक्ति में डूब गया और लोग हर-हर महादेव का उद्घोष करने लगे. इस अवसर पर शंकर रुंगटा, रविन्द्र नाथ मिश्रा, पतित पावन बेरा, दिलीप दास, लखी नारायण दास, पशुपति बेरा, पतित पावन दास, देवदास पंडा, शंभु नाथ मल्लिक, हरि साधन मल्लिक, चन्द्रदेव महतो, लखीनारायण दास, मधु दत्त, जोसना दत्त समेत काफी संख्या में श्रोता उपस्थित थे.