पटना: जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री बन गये हैं. भाजपा से गठबंधन तोड़कर इस्तीफा देने के एक दिन बाद बुधवार दोपहर उन्होंने आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. वहीं, राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने भी शपथ ली, जिनके नयी सरकार में उपमुख्यमंत्री के पद पर आसीन होने की संभावना है.नीतीश (71) ने मंगलवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के मुख्यमंत्री के तौर पर इस्तीफा दे दिया था और सात दलों के महागठबंधन के विधायकों के समर्थन से नयी सरकार बनाने का दावा पेश किया था. नीतीश ने पहली बार 2000 में मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, जब उन्होंने केवल एक सप्ताह तक चलने वाली राजग सरकार का नेतृत्व किया था.राजग गठबंधन के 2005 में विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल करने के बाद उन्होंने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद संभाला.(नीचे भी पढ़े)
इसके बाद 2010 में राजग ने उनके नेतृत्व में शानदार जीत हासिल की और कुमार तीसरी बार मुख्यमंत्री बने. हालांकि, कुमार ने 2014 में लोकसभा चुनाव में जदयू की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था, लेकिन एक साल से भी कम समय में उन्होंने वापसी की और चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. 2015 में कुमार राजद और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाकर विधानसभा चुनाव में आरामदायक बहुमत हासिल कर मुख्यमंत्री बने थे. उन्होंने जुलाई 2017 में राजद के साथ असंगत मतभेदों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, 24 घंटे से भी कम समय में फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण कर उन्होंने भाजपा के साथ एक नयी सरकार बनाई.कुमार ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद नवंबर में सातवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.(नीचे भी पढ़े)
नीतीश ‘विश्वासघात’ के खिलाफ भाजपा का बिहार में प्रदर्शन
पटना: भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से नाता तोड़कर महागठबंधन में शामिल हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बुधवार को पटना स्थित प्रदेश कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ईर्ष्या के चलते बिहार से ‘विश्वासघात’ करने का आरोप लगाया. बीरचंद पटेल मार्ग स्थित प्रदेश कार्यालय पर आयोजित इस ‘महाधरना’ में बिहार के लगभग सभी भाजपा सांसदों और विधायकों ने हिस्सा लिया. इस दौरान पार्टी नेताओं ने नीतीश कुमार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कथित ‘विश्वासघात’ के खिलाफ जिला और प्रखंड स्तर पर आंदोलन करने की घोषणा भी की. मुख्यमंत्री के पुराने आलोचकों में शुमार केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया कि नीतीश अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए लगातार बिहार को ‘धोखा’ दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में मिला जनादेश बिहार के विकास के लिए था ना कि येन केन प्रकारेण ‘सीएम की कुर्सी’ से चिपके रहने और प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने के लिए था. भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री को चुनौती दी कि गठबंधन को बैसाखी के रूप में इस्तेमाल किए बिना उन्हें अपने दम पर राज्य में चुनाव जीतकर दिखाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘जो अपने बूते मुख्यमंत्री नहीं बन सकता वह प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहा है.’