जमशेदपुर : भाजमो जमशेदपुर महानगर के तत्वावधान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 152 वीं जयंती एवं देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय श्री लाल बहादुर शास्त्री की 118 वीं जयंती के उपलक्ष्य में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन बर्मामाइंस ट्यूब कंपनी गेट के सामने किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजमो जिला अध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव ने किया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विधायक सरयू राय उपस्थित हुए. श्री राय एवं भाजमो नेताओं ने परिसर में स्थित महात्मा गांधी कि आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया. श्री राय ने भाजमो कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बापू एवं लाल बहादुर शास्त्री की जीवनी पर प्रकाश डाला और उनके विचारों को साझा किया. श्री राय ने कहा कि इन दोनों महान विभूतियों ने देश के इतिहास को गढ़ा है. महात्मा गांधी ने सदैव लोगों से असत्य, अन्याय और दमन के खिलाफ प्रतिकार करने की अपील की. उनका मानना था कि ये तीनों कुरीतियों के खिलाफ यदि हम प्रतिकार नहीं करेंगे तो हम कायर कहलाएंगे. उन्होंने हमेशा समाज के कमजोर वर्ग, पिछड़े समूह, गरीब गुर्बे, दबे कुचले के उत्थान और विकास की बात कही है. उनकी सोच थी कि जब तक समाज के इन तबको का विकास नहीं होगा तब तक देश का समपूण विकास संभव नहीं है. उन्होनें अहिंसा और नैतिकता का पाठ पढ़ाया और उनकी सोच थी कि जीवन में सिर्फ लक्ष्य प्राप्ति ही काफी नहीं है बल्कि लक्ष्य को प्राप्त करने वाला मार्ग भी सही होना चाहिए. बापू के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक है. लाल बहादुर शास्त्री देश के पूर्व प्रधानमंत्री थे, उन्होंने सही मायने में बापू के विचारों को अपनाया था और वे बापू के प्रतिमुर्ती थे. उन्होंने जय जवान जय किसान का नारा बुलंद किया था. वे देश के किसानों को देश का अन्नदाता मानते थे और देश के सुरक्षा प्रहरियों को भी उन्ही की भांति श्रद्धा और आस्था के साथ देखते थे. वे जब प्रधानमंत्री बने थे तब देश में अनाज की काफी कमी हुआ करती थी और अमेरिका सहित अन्य देशों से अनाज की आवक को हम निर्भर थे. उस दौरान दुसरे देश हमारे देश का मखौल बनाया करते थे. तब शास्त्री जी को यह बात बहुत खलती थी और उन्होंने समग्र देशवासियों से अपील की थी की यदि हम एक दिन अनाज को त्याग थे तब देश की अनाज की किल्लत दूर हो जाएगी. उनके इस आह्वान पर देश के सभी लोगों ने एक दिन का अनाज त्याग दिया था और वाकई में देश में अनाज की किल्लत दूर हो गई थी. उन्होंने देश को आत्मनिर्भर बनना सिखाया था. शास्त्री जी और गांधी जी की जयंती पर आज हम इन महापुरुषों को पुष्प अर्पित कर रहे है लेकिन हमे आत्म चिंतन करना चाहिए कि हम जो कार्य कर रहे है क्या वह सही है, हमे दुसरे व्यक्ति की आलोचना करने से पूर्व स्वयं के कार्यो पर भी विवेचना करनी चाहिए तभी हम गांधी जी और शास्त्री जी के विचारों को आत्मसात कर सकेंगे. हमे संगठन का कार्य बिना बिना किसी भेदभाव एवं पश्चात के करना चाहिए और सही रास्ते पर चलने की प्रतिज्ञा लेकर यह कार्य करना चाहिए. हमे यह भी तय करना चाहिए कि हम जो भी सामाजिक कार्य करें उससे समाज के कमजोर वर्ग को फायदा हो. विकास का यह मतलब नहीं की अच्छी सड़क, अच्छे विद्यालय बन जाए हमें यह भी निश्चित करना होगा कि विकास समाज के कमजोर लोगों तक पहुंचे और उनकी भी जरूरतें पूरी हो और जीवन स्तर बहतर बने. कार्यक्रम का संचालन जिला उपाध्यक्ष भाष्कर मुखी ने किया. स्वागत भाषण सुबोध श्रीवास्तव एवं धन्यवाद ज्ञापन अनुसूचित जाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष राजेश प्रसाद ने किया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से भाजमो जिला महामंत्री मनोज सिंह उज्जैन, उपाध्यक्ष भाष्कर मुखी, मंत्री राजेश कुमार झा, विकास गुप्ता, कोषाध्यक्ष धर्मेंद्र प्रसाद, पेयजल विभाग प्रभारी शंकर कर्मकर, अनुसूचित जनजाति मोर्चा अध्यक्ष प्रकाश कोया, महिला मोर्चा अध्यक्ष मंजू सिंह, युवा मोर्चा अध्यक्ष प्रमोद मिश्रा, जनसुविधा प्रतिनिधि हरेराम सिंह, बिरसानगर मंडल अध्यक्ष चंद्रशेखर राव, उलीडीह मंडल अध्यक्ष प्रवीण सिंह, बरमामाइंस मंडल अध्यक्ष नागेंद्र सिंह, सितारामडेरा मंडल अध्यक्ष बिनोद यादव, टेलको मंडल अध्यक्ष महेश तिवारी, बारीडीह मंडल अध्यक्ष विजय नारायण सिंह,असीम पाठक,बलकार सिंह,गोल्डन पांडे, विकास सिंह, सीमा दास,काकुली मुखर्जी, आरती मुखी,रंजीता राय,शारदा शर्मा, सुष्मिता, विजयलक्ष्मी, किरण देवी,मोनी नाग, डी मनी, सरस्वती खमरी,नंदिता गगराई ,जानकी देवी, चेतन चौसा जितेंद्र सेनानी, सोना मुखी, कुंदन मुखी, दीनबंधु दास, दिवाकर, संतोष रजक मोना, दीपक महाराणा, नवीन कुमार सहित अन्य उपस्थित थे.