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आदिवासी बहुल क्षेत्र में रेलवे की कई परियोजनाएं चल रहीं हैं, लेकिन आदिवासियों को ही धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यों के लिए भूमि नहीं दी जा रही : सांसद गीता कोड़ा

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चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा मंगलवार को रांची में आयोजित रेलवे की डिवीजनल कमेटि मीटिंग ऑफ रांची एंड चक्रधरपुर डिवीजन में शामिल हुईं। मीटिंग में उन्होंने आम लोगों से जुड़े सवालों को गंभीरता से उठाते हुए कहा कि चक्रधरपुर रेल मंडल के अंतर्गत जितने भी आरओबी बने हैं वहां पाथ वे व अंडर पास की व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे ग्रामीणों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने चक्रधरपुर आदिवासी मित्र मंडल को आवंटित भूमि के पुनर्नवीनीकरण की समस्या को प्रमुखता से उठाते हुए कहा कि आदिवासी बहुल क्षेत्र में रेलवे की कई परियोजनाएं चल रहीं हैं, लेकिन आदिवासियों को ही धार्मिक सांस्कृतिक कार्यों के लिए भूमि नहीं दी जा रही है। ऐसे में भविष्य में लोग कैसे अपनी भूमि को रेलवे के कार्यों के लिए देंगे। दक्षिण पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक एस के मोहन्ती को ज्ञापन सौंपकर उन्होंने मांग की कि आदिवासी मित्रमंडल के लिए तत्काल भूमि का पुनर्नवीनीकरण किया जाये।इसके साथ ही जितने भी आर ओ बी का निर्माण किया गया है, वहां फुटब्रिज, पाथवे और अंडर पास की शीघ्र व्यवस्था की जाये।सांसद गीता कोड़ा ने सभी रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों के सुविधाओं और सुरक्षा के मुद्दों को उठाते हुए कहा कि कई स्टेशन ऐसे हैं जहां यात्री सुविधाओं से वंचित हैं। इसमें शौचालय का नहीं होना प्रमुख है। अस्पताल के मुद्दा को उठाते हुए उन्होंने कहा कि रेलवे अस्पतालों की स्थिति अत्यंत ही दयनीय है इसे सुधारा जाए तथा उसमें स्थानीय ग्रामीणों का इलाज भी किया जाये। जिन ग्रामीण भाईयों बहनों के पास आर्थिक तंगी है उनका इलाज भी रेलवे अस्पताल में किया जाये।
उन्होंने रेल गाड़ियों के ठहराव के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि चक्रधरपुर, सोनुवा और काण्डरा में भी एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की व्यवस्था की जाए। इस पर महाप्रबंधक मोहन्ती ने कहा कि सभी समस्याओं पर गंभीरतापूर्वक विचार कर उन्हें तत्काल दूर किया जायेगा।

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