नयी दिल्ली : केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय और केंद्रीय पंचायत राज मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में नयी दिल्ली के विज्ञान भवन में “पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार) अधिनियम, 1996 (पेसा)” विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित की गयी. इसका उदघाटन केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा और केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने संयुक्त रुप से किया. इस मौके पर केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने गुरुवार को आयोजित इस राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान अपने संबोधन में कहा कि अधिकारियों को यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि पारंपरिक ग्राम सभा के माध्यम से शिड्यूल एरिया (अनुसूचित क्षेत्र) में स्वशासन व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार) अधिनियम, 1996 (पेसा) को कैसे लागू किया जाना है. उन्होंने कहा कि 25 साल में यह पहली बार हुआ है कि दो मंत्रालय जनजातीय बहुल राज्यों में कानून के क्रियांवयन के लिए एक संयुक्त बैठक कर रही है. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि अधिकारियों को यह पता नहीं होता है कि इस पेसा कानून को कैसे लागू किया जाना है, जिस कारण सबसे पहले तो जरूरी है कि कानून के क्रियांवयन में शामिल दोनों मंत्रालयों के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए. इस दौरान अधिकारियों ने यह स्वीकार किया कि पेसा के बारे में जनजातीय समुदायों और इसे लागू कराने वाले अधिकारियों के बीच जागरूकता का काफी अभाव है. इस पर फोकस करना चाहिए. इस दौरान केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरीराज सिंह ने माना कि इस कानून को और धाकड़ तरीके से लागू किया जाना है और इसके लिए जरूरी सारे कदम उठाये जायेंगे. इस मौके पर मीडिया से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि पेसा कानून को लेकर पहले क्या हो चुका है, उस पर बात करने से कोई लाभ नहीं है बल्कि उसको बेहतर तरीके से कैसे लागू किया जाये और कहां खामियां रह गयी है, उसको लेकर आवश्यक कदम उठाया जायेगा. इसको लेकर विस्तृत चर्चा में बातें सामने आयेंगी.