चक्रधरपुर : पिछले 15 सालों से विभागीय लापरवाही के कारण बसंती धर कुमारी को पेंशन नहीं मिल पा रही है। झारखंड की पिछली सरकारों में बसंती धर के मामले में कुछ तेजी आई थी। मुख्यमंत्री के सचिव सुनील वर्णमाला के आदेश पर संबंधित विभाग ने बिहार सरकार के साथ पत्राचार किया। लेकिन बिहार सरकार के माध्यम से किसी भी प्रकार की कागजी कार्रवाई नहीं की गई। इस मामले में अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के रीजनल वोलेंटियर को-ऑर्डिनेटर (इंडिया) बैरम खान द्वारा उठाया गया था।
सरकार बदलने के बाद इनका मामला ठंडे बस्ते में चला गया। उसके बाद अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के बैरम खान द्वारा राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया गया। जिसके बाद राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में इस संदर्भ में पश्चिमी सिंहभूम के डीएम को इस संदर्भ में कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। इस कार्य के लिए उन्हें 4 सप्ताह का समय दिया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई माह में होनी है।