रामगोपाल जेना / चक्रधरपुर : कोल्हान प्रमंडल पान (ताँती) समाज कल्याण समिति की ओर से अविभाजित सिंहभूम के तीनों जिलों पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम एवं सरायकेला-खरसाँवा से पान समाज के प्रतिनिधि की एक सयुंक्त कमेटी, चक्रधरपुर विधानसभा के विधायक सुखराम उरांव के नेतृत्व मिला मौके पर पोटका विधायक संजीव सरदार भी मौजूद थे।समाज के लोगों ने मांग किया कि वर्षों पुरानी लंबित अनुसूचित जाति की मांग वाली जाति विसंगति के निराकरण हेतु सारे तथ्यों, दस्तावेजों, प्रमाण पत्रों के साथ राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर वस्तु-स्तिथी से अवगत कराया गया कि अविभाजित सिंहभूम के मूल निवासी पान जाति जिनके भू-अभिलेख मे जाति स्तम्भ के स्थान पर विसंगति वश उनका पेशा ताँत से कपड़े बुनने के कारण ‘ताँती’ दर्ज कर दिया गया है, जो वास्तव मे पान जाति के ही हैं परन्तु ताँती के उपनाम से जाने जाते हैं। (नीचे भी पढ़ें)
बताया गया है कि इसकी पुष्टि झारखंड सरकार के कार्मिक विभाग का पत्रांक 7064 दिनांक 27/10/2002 के साथ-साथ राज्य की कल्याण विभाग के जनजातिय शोध संस्थान का प्रतिवेदन पत्रांक- 386 दिनांक- 06/08/1986 एवं बिहार सरकार कि दसम प्रतिवेदन तिथि-03/12/1980 करती है। इन्हीं तथ्यों, दस्तावेजों के आधार पर आज पान (ताँती) समाज न8 टीम ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग की अनुसूचित जाति की सुविधा जो 70-80 के दशक के बाद बिना किसी ठोस कारण के तत्काल बंद कर दी गयी है को अविलंब शुरू की जाये। प्रतिनिधिमंडल में शरण पान, दिनेश दण्ड्पाट, हरीश भंज, सपन दास, अशोक कुमार दास, उमाकांत दास, जगदीश दास, गुरुदेव पात्रो, सुनील पान, कार्तिक पात्रो, प्रदीप दास, हरिश्चन्द्र पान, राजेश कुन्दास, कृष्णा पात्र, बनारस दास, मनसा दास, शत्रुघ्न दास समेत अन्य उपस्थित थे।