रामगोपाल जेना / चक्रधरपुर : शारीरिक और चिकित्सा जांच प्रक्रिया पूरी कर चुके अभ्यर्थियों का पुरानी नियुक्ति प्रक्रिया के तहत लिखित परीक्षा लेने की मांग को लेकर प्रभावित युवाओं ने पश्चिमी सिंहभूम जिले के उपायुक्त के माध्यम से शनिवार को भारत के राष्ट्रपति, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार और झारखंड के राज्यपाल को तीन सूत्री मांग पत्र सौंपा। पत्र में कहा गया है कि अग्निपथ योजना तत्काल प्रभाव से लागू करने के कारण सैनिक भर्ती का मौजूदा ढांचा अस्तित्व में नहीं रहेगा। जिससे वैसे अभ्यार्थी जो 2021 में शारीरिक और चिकित्सा जांच प्रक्रिया पूरी कर चुके हैं उन अभ्यार्थियों का लिखित परीक्षा नहीं लिया जा सकेगा। टीओडी लागू होने के बाद युवाओं की आर्मी परीक्षा रद्द कर दी गई है। केंद्र सरकार की इस योजना के चलते सेना में स्थाई भर्ती की जगह संविदा के तौर पर भर्ती होगी। इस योजना से ना सिर्फ युवाओं को नुकसान होगा बल्कि सेना की गोपनीयता एवं विश्वसनीयता भी भंग हो सकती है। (नीचे भी पढ़ें)
अभ्यर्थियों ने कहा है कि सरकार ने यह कदम वेतन और पेंशन का बजट कम करने के लिए उठाया है। चार साल की नौकरी ही मिले तो इसका क्या फायदा। सरकार हमें ऐसे रास्ते पर छोड़ देगी जहां से हमें कोई रास्ता नहीं मिलेगा। इसलिए सरकार पुरानी प्रणाली ही कायम रखे। सरकार केवल चार साल की नौकरी देगी ना तो पेंशन का लाभ मिलेगा ना ग्रेच्युटी का। अग्निपथ योजना पूरी तरह से अव्यवहारिक है। दो वर्ष पूर्व हमलोगों ने फिजिकल, मेडिकल टेस्ट पास किया। हमारी परीक्षा होनी थी। दो बार एडमिट कार्ड आ चुका है। कोरोना महामारी का हवाला देकर सात बार परीक्षा स्थगित किया गया। सरकार ने अभी तक उस पर रोक लगाई है। अग्निपथ योजना लागू होने के बाद हमारी परीक्षा रद्द कर दी गई है। हमलोग सेना में भर्ती होने के लिए काफी पहले से तैयारी में जुटे थे लेकिन अग्निपथ योजना ने हमारा सपना चकनाचूर कर दिया है। अब तो हमारी उम्र भी नहीं रही। (नीचे भी पढ़ें)
उन्होंने उक्त पत्र के माध्यम से कहा है कि इस गंभीर मामले को त्वरित संज्ञान में लेकर पुरानी नियुक्ति प्रक्रिया के तहत नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण की जाये ताकि सेना में जाने के लिए कड़ी मेहनत करने वाले हमारे जैसे युवा सेना में जाकर अपना सेवा दे सके।अभ्यर्थियों ने सौपे गये ज्ञापन की प्रतिलिपि झारखंड के राज्यपाल ,रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, उपायुक्त, पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) को भी भेजा है। प्रतिनिधिमंडल के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता बसंत महतो, पूर्व सैनिक सह प्रशिक्षक दयासागर केराई, वासिल हेंब्रोम, आकाश महतो,आशीष खलखो, हिमांशु महतो, गणेश प्रधान, राकेश महतो, यशकांत महतो, सिद्धेश्वर कूदादा आदि मौजूद थे।