रामगोपाल जेना/चक्रधरपुर : पर्यावरण संरक्षण के लिS सरकार हर साल करोड़ों रुपये खर्च करती है. हर साल लाखों की संख्या में पौधे लगाये जाते हैं और उनकी देखभाल पर भी सालाना लाखों रुपये खर्च किये जाते हैं. लेकिन चक्रधरपुर के केरा रेंज अंतर्गत पंप रोड स्थित रैयती जमीन पर लगे 450 सागवान के पेड़ बिना अनुमति के ही काट डाले गये हैं. बताया गया कि जमीन मालिक ने सीओ ऑफिस से उक्त पेड़ों को काटने की अनुमति ले चुका है. किन्तु सीओ ऑफिस व वन विभाग की मिली भगत से पंप रोड में लगे 450 वृक्षों की कटाई कर नीलामी के लिए झारखंड वन विकास निगम के चक्रधरपुर रेंज के चेलाबेड़ा डिपो में रखा गया है. उनकी नीलामी के लिए भी तिथि तय की जायेगी. अब देखना है कि मामले का खुलासा होने के बाद संबंधित अधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं.
सीओ को 693 वृक्ष काटने के लिए दिया गया था आश्वासन
मालूम हो कि चक्रधरपुर निवासी महेश्वर प्रसाद मंडल व श्याम कुमार मंडल द्वारा रैयती जमीन पर लगे 693 सागवान वृक्षों की कटाई कराने के लिए सीओ को आवेदन दिया था. उस आवेदन पर सीआइ कृष्णा सोय ने वृक्षों की कटाई से पर्यावरण पर असर पड़ने का हवाला देते हुए जांच के बाद आवेदन पर विचार करने की बात कही गयी. इसके बावजूद सैकड़ों वृक्षों की कटाई होना जांच का विषय है.
70 लॉट में निलामी के लिए रखे गये हैं लकड़ी के बोटे
झारखंड वन विकास निगम रेंज के चक्रधरपुर चेलाबेड़ा डिपो के कर्मचारी भोला हाजरा ने कहा कि केरा रेंजर द्वारा 450 सागवान की वृक्ष काट कर डिपो में जमा कराया है. इसके तहत 70 लॉट नीलामी के लिए लगाया गया है. जिसका निलामी आगामी 13 फरवरी को पंप रोड डिपो में होगा.
जांच कर होगी कार्रावाई – डीएफओ
गुरुवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए पोड़ाहाट डीएफओ आलोक वर्मा ने कहा कि इस मामले की मुझे जानकारी है. अगर गलत हुआ है, तो उसकी जांच कर दोषियों को कड़ी कार्रवाई की जाएगी. हांलाकि उन्होंने कहा कि वृक्षों की कटाई में नियमों का पालन किया गया है.
वृक्ष कटाई की नहीं दी अनुमति : अंचलाधिकारी
चक्रधरपुर अंचलाधिकारी बाल किशोर महतो ने कहा कि वृक्षों की कटाई के लिए कार्यालय से किसी को कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है. अगर बड़े पैमाने में वृक्षों की कटाई हुई है, तो मामले की जांच कर संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.