चाकुलिया : सरकार किसानों के विकास के प्रति सचेत है. परंतु विभागीय लापरवाही के कारण किसानों की स्थिति दिन प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है. इसका उदाहरण देखना हो तो चाकुलिया प्रखंड मुख्यालय चले आइये. प्रखंड मुख्यालय से सटे कृषि प्रशिक्षण सह सूचना केंद्र भवन के समक्ष सरकारी बाबुओं का कारनामा साफ दिखेगा. प्रखंड कार्यालय के पीछे ही कृषि प्रशिक्षण सह सूचना केन्द्र भवन है, जहां किसानों को नयी तकनीक से खेती कराने के लिए सरकार ने लाखो रुपये खर्च मशीन विभाग को दिया, परंतु विभागीय लापरवाही के कारण कृषि उपकरण कार्यालय के समक्ष झाड़ियों से घिरकर बर्बाद हो रहे हैं. सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये सीट प्रोसेसिंग मशीन और जिरो टिल सीड ड्रील मशीन किसानों के प्रयोग में न आकर कार्यालय की शोभा की वस्तु बन कर रह गई है. दोनों मशीनें आत्मा द्वारा किसानों को नयी तकनीक से खेती कराने के लिए उपलब्ध करायी गयी थी. मशीनों की कीमत लाखों में है, परंतु विभागीय पदाधिकारी की उदासीनता के कारण न तो इसका लाभ किसानों को मिला और न ही मशीन उपयोग के लायक ही रह गयी है. मशीनें बाहर पड़ी-पड़ी पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं. इस संबंध में प्रभारी कृषि पदाधिकारी देव कुमार ने बताया कि जीरो टील सीड ड्रील मशीन बहु उपयोगी मशीन है. मशीन से टांड़ जमीन पर दाल, मकई और गेहूं की खेती करने के प्रयोग में लाया जाता है. उन्होंने कहा कि इस मशीन के प्रयोग से कम समय में और कम मजदूरी व्यय पर खेती करने के प्रयोग के लिए काफी लाभदायक है. आत्मा द्वारा मशीन उपलब्ध कराने का उद्देश्य यह है कि स्वंय सहायता समूह के सदस्यों को मशीन उपलब्ध कराकर नयी तकनीक के प्रति खेती करने के प्रति जागरूक करना था, परंतु बीटीएम द्वारा नहीं कराया गया. उनसे इस बारे में जानकारी मांगी गई थी, जिसके जबाब में बीटीए ने कहा कि प्रखंड में एसएचजी ग्रुप का गठन नहीं हुआ है. इस कारण मशीन का प्रयोग नहीं हो पाया है.
चाकुलिया : झाड़ियों में पड़े-पड़े बर्बाद हो गये लाखों की लागत के कृषि उपकरण
[metaslider id=15963 cssclass=””]