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Chinese apps banned : भारत सरकार ने 230 चीनी एप्स को किया बैन, सस्ते कर्ज का लोभ देकर फंसाने के बाद करते थे जबरिया वसूली

राशिफल

नई दिल्ली : भारत सरकार ने देश में अवैध लोन एवं जुए का धंधा चलानेवाले 230 चीनी एप्स पर बैन लगा कर उस पर डिजिटल स्ट्राइक कर दी है. केंद्र सरकार ने इन 230 चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर दिया है, जिनमें 138 लिंक जुए के खेल से संबंधित हैं, जबकि 94 एप्स ऐसे हैं जो अवैध रूप से लोन देने का धंधा कर रहे थे. सरकार ने इन सारी एप्स पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश दिया है.(नीचे भी पढ़ें)

बता दें कि चीन हमेशा भारत को कमजोर करने के षड़यंत्र रचने के अभियान में लगा रहता है. इसी के तहत चीन की ओर से देश में अवैध लोन एप्स एवं जुआखोरी के धंधे का जाल फैलाया जा रहा था, जिस पर सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए भारत सरकार ने ऐसे 230 चीनी एप्स पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया है. इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से संबंधित मंत्रालय ने इन एप्स की कारगुजारियों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए गृह मंत्रालय को इन्हें बैन करने की सिफारिश भेजी थी, जिसे गृह मंत्रालय ने मंजूरी देते हुए उक्त एप्स पर रोक लगा दी है.(नीचे भी पढ़ें)

सूचना के अनुसार केंद्र सरकार ने कुछ महीने पहले 288 चीनी एप्स की जांच कराई थी, जिससे इन एप्स द्वारा भारतीय नागरिकों के निजी डेटा की चोरी किये जाने की पुष्टि हुई थी. इसके बाद ही सरकार ने आइटी अधिनियम की धारा 69 के तहत चीनी एप्स पर रोक लगाने का निर्णय लिया है. सरकार ने इसे देश की संप्रभुता एवं अखंडता को नुकसान पहुंचानेवाला माना है.(नीचे भी पढ़ें)
रिपोर्ट्स के अनुसार चीन भारतीय नागरिकों को इन चीनी एप्स के माध्यम से अपने कर्ज के जाल में फंसा रहा था. ये चीनी एप्स भारतीय नागरिकों को बहुत सस्ते में लोन उपलब्ध करा रहे थे और बाद में उसकी वसूली के नाम पर लोगों पर जबरदस्ती एवं उत्पीड़न को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे थे. सूचना के अनुसार ये एप्स चीनी नागरिकों के दिमाग की उपज हैं, जिन्होंने भारतीयों को काम पर रखा और फिर उन्हें इन एप्स को चलाने का काम भारतीयों को सौंप दिया. सूत्रों की मानें, तो ये चीनी एप जरूरतमंद लोगों को सस्ते में कर्ज देने का लालच देकर फंसाते थे एवं एक बार कर्ज ले लेने के बाद वे उनसे सालाना 3,000 प्रतिशत तक सूद वसूल कर रहे थे. इसका खुलासा तब हुआ जब आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के कई लोगों ने कर्जदारों ने जबरिया कर्ज वसूली से परेशान होकर अपनी जान दे दी. जांच में खुलासा हुआ कि इन सभी ने ऐसे ही चीनी बेटिंग ऐप्स से लोन ले रखा था.

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