जमशेदपुर : बहनें अपने भाई के लंबी आयु की कामना करते हुए मंगलवार को यमदुतिया की पूजा की गई. इससे पहले बहनों ने रेगनी के पौधों में लगे कांटो से भाइयों को श्रापित किया. इसके बाद गाय के गोबर से बनाए गए यमराज तथा उस पर चना, लड्डू मिठाई, बताशा के रूप में प्रसाद डालकर 5 लकड़ियों से उसे कूटा गया. इस विधि के बाद पूजा संपन्न की गई पूजा के बाद अर्पित किया गया. प्रसाद को बहने भाई को तिलक लगाकर प्रसाद खिलाया. यह पारंपरिक पर्व जमशेदपुर समेत पूरे ग्रामीण इलाकों में अपने-अपने विधि अनुसार की गई. दूसरी ओर बंग समुदाय ने भी भाई फोटा मनाया. इस दिन भाई-बहन उपवास में रहते हैं. पूजा अर्चना के बाद बहनें अपने भाई के ललाट पर चंदन का तिलक लगाती हैं. भाई अगर छोटा हो बहन का पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं.
जमशेदपुर के 18 स्थानों पर पूजे गए भगवान चित्रगुप्त
भगवान चित्रगुप्त की सामूहिक पूजा मंगलवार को पूरे जमशेदपुर में 18 स्थानों पर हुई. पूजा को लेकर जमशेदपुर में क्षेत्रवार 18 मंडल बनाए गए थें, जहां चित्रांश परिवार अपने पूरे परिवार संग भगवान चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना की. पहले अपने-अपने घरों में यह परिवार कागज-कलम व दवात की पूजा की गई. वहां पूरे एक साल का अपने आय-व्यय का लेखा-जोखा लिखते हैं फिर सुखमय जीवन की कामना की जाती है. अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के अध्यक्ष अनुप रंजन अपनी टीम के साथ पूरे मंडल का दौरा किया तथा वहीं की विधि-व्यवस्था की जानकारी ली. जमशेदपुर के अलावा यह पूजा ग्रामीण इलाको में भी की गई, जिसमें घाटशिला, मुसाबनी, जादुगोड़ा समेत अन्य क्षेत्रों में रहने वाले चित्रांश परिवार शामिल रहें.
स्वर्णरेखा में सामूहिक विसर्जन बुधवार को
भगवान चित्रगुप्त की पूजा के बाद उनकी प्रतिमा का विसर्जन मानगो स्वर्णरेखा नदी में किया जाएगा. सभी मंडलों की प्रतिमाएं साकची में एक स्थान पर पहुंचती है फिर वहां से जुलूस की शक्ल में रैली निकलती है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के पूजा कमेटियों के पदाधिकारी व सदस्य शामिल रहते हैं. हजारों की संख्या में तैनात लोग मानगो नदी पहुंचते हैं जहां ढोल-नगाड़े की थाप पर झूमते-थिरकते चित्रांश परिवार भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमाओं का विसर्जन करते हैं.
सम्मानित होगी पूजा कमेटी
जमशेदपुर में हो रहे चित्रगुप्त पूजा पंडालों का निरीक्षण करने के बाद उसमें अव्वल रहने वाली कमेटियों को सम्मानित किया जाएगा. अनुप रंजन के मुताबिक शहर के पूजा पंडालों की सजावट, कमेटी के कार्यों, वहां की वधि-व्यवस्था, साफ- सफाई आदि का आकलन करते हुए बेहतर पूजा कमेटी को सम्मानित किया जाता है.