खबरConfederation of All India Traders : कैट ने प्रधानमंत्री मोदी को रिसर्च...
spot_img

Confederation of All India Traders : कैट ने प्रधानमंत्री मोदी को रिसर्च व अनुसंधान को व्यापार एवं उधयोग में अपनाने के लिए देश भर में कम्यूनिटी रिसर्च केंद्र बनाने का दिया सुझाव

राशिफल

जमशेदपुर : कैट ने प्रधानमंत्री मोदी को भेजे एक पत्र में रिसर्च व अनुसंधान को व्यापार एवं उधयोग में अपनाने के लिए देश भर में कम्यूनिटी रिसर्च केंद्र बनाने का सुझाव दिया है. कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजकर उनके द्वारा दो दिन पहले राष्ट्रीय मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव में उनके सम्बोधन में भारतीय सामानों की उच्च गुणवत्ता के उत्पादन और व्यापार के लिए प्रौद्योगिकी और नए प्रयोगों के अधिक उपयोग के आहावन किए जाने को देश के व्यापार एवं लघु उद्योग के लिए उत्साहजनक बताते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रयास वैश्विक बाज़ार में “ब्रांड इंडिया” को बढ़ावा देने में सक्षम हैं. कैट ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी का यह कथन भारतीय उत्पादों पर उनके अटूट विश्वास और भारत के छोटे उद्योगों और व्यापार की अपार क्षमता को रेखांकित करता है. पत्र में कैट के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोन्थलिया ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने सम्बोधन में “आत्मानिभर भारत और उच्च गुणवत्ता की ज़रूरत पर बल देते हुए कहा था कि हमारा उद्देश्य वैश्विक बाजारों में भारतीय सामान की बाढ़ लाना नहीं है बल्कि हम चाहते हैं कि भारतीय उत्पादों के लिए विश्व बाज़ार में उच्च वैश्विक मांग और स्वीकार्यता हो और अनुसंधान और संस्थागत इनोवेशन का सबके द्वारा उपयोग हो, बेहद महत्वपूर्ण है. कैट इसे लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत का “मूल मंत्र” मानता है. यह ध्यान देने योग्य है कि किसी भी प्रधानमंत्री ने पहली बार भारत के उत्पादन और व्यापार में प्रौद्योगिकी को अपनाने और अनुसंधान और विकास पर जोर देने की आवश्यकता पर जोर दिया है. (नीचे भी पढ़ें)

श्री सोन्थलिया ने कहा कि प्रधानमंत्री के इस सम्बोधन से देश के हर के व्यापारी अपने आपको जोड़ते हैं और इस दिशा में सरकार के साथ हाथ मिलाकर एक भागीदार के रूप में काम करने की इच्छा ज़ाहिर करते हैं. उन्होंने कहा कि हमारी राय है कि अनुसंधान और विकास और व्यापार और उद्योग में इस दृष्टिकोण को अपनाना ही भारतीय व्यापार की अभूतपूर्व सफलता की कुंजी है. हालाँकि, कॉर्पोरेट क्षेत्र समय-समय पर अनुसंधान और प्रौद्योगिकी को अपनाता रहा है लेकिन दुर्भाग्य से सीमित संसाधनों और प्रौद्योगिकी उन्नति के बारे में ज्ञान की कमी के कारण भारत में व्यापार और लघु उद्योग प्रौद्योगिकी आदि को अपनाने में पीछे हैं, जबकि दोनों व्यापार और छोटे उद्योग देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और भारतीय उत्पादों के साथ वैश्विक बाजार को प्रभावित करने की बहुत अधिक क्षमता रखते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इसका दूसरा पहलू यह भी है कि विभिन्न स्वदेशी उत्पादों के निर्माण के लिए निर्धारित विभिन्न मानक जमीनी हकीकत से मेल नहीं खाते हैं बल्कि पश्चिमीकरण से मेल खाते हैं. (नीचे भी पढ़ें)

श्री सोन्थलिया ने प्रधानमंत्री श्री मोदी को सुझाव दिया कि छोटे उद्योगों, उत्पादकों, कारीगरों और छोटे नवप्रवर्तकों को अनुसंधान और टेक्नॉलजी का लाभ उठाने के लिए पीपीपी मॉडल में देश भर में “सामुदायिक आर एंड डी केंद्र” के निर्माण के लिए एक नीति बनाई जा सकती है. इन केंद्रों को “वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद”, “भारतीय मानक ब्यूरो” और “खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण” आदि संस्थानों से जोड़ा जा सकता है. इसके ज़रिए छोटे उधयोग और व्यापारी कम लागत पर इसका लाभ उठाकर उच्च गुणवत्ता के उत्पाद बना सकेंगे. उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि कॉर्पोरेट सेक्टर को अपने सीएसआर दायित्व के एक हिस्से का निवेश अनुसंधान और टेक्नॉलजी पर देने की सलाह भी सरकार को देनी चाहिए, जिससे आरएंडडी सुविधा का विकास और व्यापार और लघु उद्योगों के लिए प्रौद्योगिकी उन्नति की उपलब्धता के साथ साथ व्यापक विकास और छोटे उद्योगों और व्यापार की क्षमता बढ़ाने के लिए हो. कैट ने कहा है कि इस काम में सरकार के साथ मिल कर काम करने के लिए कैट पीपीपी मॉडल पर आरएंडडी केंद्रों की स्थापना के लिए देश भर में अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार है. श्री सोन्थालिया ने कहा कि इस मोर्चे पर कैट सरकार के साथ एकजुटता के साथ खड़ा है और लोकल पर वोकल एवं आत्मनिर्भर भारत की सफलता के लिए प्रतिबद्ध हैं.

[metaslider id=15963 cssclass=””]

Must Read

Related Articles

Floating Button Get News On WhatsApp
Don`t copy text!

Discover more from Sharp Bharat

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading