खबरconfederation-of-all-india-traders-जीएसटी को सरल बनाने के लिए कैट का प्रतिनिधिमंडल मिला सीबीआईसी के...
spot_img

confederation-of-all-india-traders-जीएसटी को सरल बनाने के लिए कैट का प्रतिनिधिमंडल मिला सीबीआईसी के अध्यक्ष से

राशिफल

जमशेदपुर : जीएसटी अधिनियम और नियमों से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दे जिन्होंने जीएसटी कराधान प्रणाली को काफी जटिल बना दिया है. इसे लेकर कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल के नेतृत्व में शुक्रवार को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष विवेक जौहरी से मुलाकात की और जीएसटी पर एक व्यापक ज्ञापन सौंपते हुए पीएम नरेंद्र मोदी के व्यापार करने में आसानी के उद्देश्य के अनुसरण में देश में जीएसटी कर ढांचे को सुव्यवस्थित करने का आह्वान किया. बैठक में कैट के सदस्य, जीएसटी अधिकारी और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे. विवेक जौहरी ने कैट प्रतिनिधिमंडल द्वारा उठाए गए मुद्दों की सराहना की और कहा कि सरकार जीएसटी व्यवस्था के तहत व्यापार करने में आसानी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है हालांकि कर चोरों के साथ कोई सहानुभूति नहीं होगी. उन्होंने कैट के माध्यम से व्यापारियों से जीएसटी के तहत समय पर अनुपालन का पालन करने की अपील की और समय-समय पर व्यापारियों की वास्तविक समस्याओं का समाधान भी करने का आश्वासन दिया. (नीचे भी पढ़ें)

जीएसटी के मुद्दों पर चर्चा करते हुए खंडेलवाल ने कहा कि देशभर में करदाताओं की संख्या बढ़ाने की व्यापक गुंजाइश है, लेकिन इसके लिए जीएसटी कराधान प्रणाली को युक्तिसंगत और सरल बनाने की आवश्यकता है. देशभर के व्यापारिक संगठन कर के दायरे को बढ़ाने के लिए सरकार के साथ हाथ मिलाने को इच्छुक हैं और इस तरह केंद्र और राज्य दोनों सरकारे अधिक राजस्व प्राप्त कर सकते है. उन्होंने सुझाव दिया कि जीएसटी के कार्यान्वयन की निगरानी और व्यापारियों की शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए प्रत्येक जिले में कर अधिकारियों और व्यापार प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए संयुक्त जीएसटी समिति बनाना उचित होगा. कैट के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोन्थालिया ने कहा कि जीएसटी को लागू हुए अब लगभग 5 वर्ष हो चुके हैं और सरकार और करदाताओं दोनों ने जीएसटी कर प्रणाली के लाभ और खामियों का अनुभव किया है. यह उचित होगा यदि जीएसटी परिषद इसे सबसे स्वीकार्य कर प्रणाली बनाने के लिए हितधारकों के परामर्श से अधिनियम और क़ानून एवं नियमों की नए सिरे से समीक्षा करे. जीएसटी के कुछ प्रमुख और महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान दिलाते हुए कहा कि अभी तक न तो केंद्र स्तर पर और न ही राज्य स्तर पर कोई अपीलीय न्यायाधिकरण का गठन नहीं किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप व्यापारियों को इस हद तक असुविधा हुई है कि किसी पर भी एक छोटी सी गलती या चूक के लिए भी व्यापारियों को कानूनी सहारा लेना पड़ता है जो महंगा और समय लेने वाला भी है. (नीचे भी पढ़ें)

इसी तरह एक राष्ट्रीय अग्रिम शासन प्राधिकरण की अनुपस्थिति में एक ही वस्तु पर अलग-अलग कर दरें लगाई जा रही हैं जिससे जीएसटी की भावना विकृत हो रही है. इसलिए इन दोनों प्राधिकरणों का जल्द से जल्द गठन किया जाना चाहिए. पंजीकरण रद्द करना और बैंक खाते की अस्थायी कुर्की मनमानी है और इसे रोका जाना चाहिए. चालान की तिथि कर के भुगतान का दस्तावेज होना चाहिए न कि फॉर्म जीएसटीआर-3बी. टैक्स न मिलने और न चुकाने पर देर से टैक्स चुकाने पर ब्याज की दर 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी की जाए. फॉर्म जीएसटीआर-3बी, जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-9 सी आदि में जहां कहीं भी यह वाक्यांश “गैर-जीएसटी आपूर्ति” अंकित है उसे “गैर-कर योग्य आपूर्ति” से बदला जाए “उक्त नोटिस के संबंध में सभी कार्यवाही सीजीएसटी अधिनियम की धारा 74 की उप-धारा (8) और (11) से निष्कर्ष निकाला गया माना जाएगा. कैट प्रतिनिधिमंडल ने एक हजार रुपये से कम की लागत वाले टेक्सटाइल और फुटवियर पर 5 फीसदी टैक्स और ऑटो स्पेयर पार्ट्स और पेय वस्तुओं सहित अन्य वस्तुओं पर 28 फीसदी टैक्स स्लैब का पुन: वर्गीकरण पर जोर दिया। कैट ने यह भी कहा कि ब्रांडेड खाद्य उत्पादों पर 5 फीसदी कर और गैर-ब्रांडेड खाद्य उत्पादों पर शून्य कर की दर से भ्रम पैदा हो रहा है और इसलिए चूंकि ये वस्तुएं आवश्यक प्रकृति की हैं, इसलिए इन्हें शून्य कर या 5 फीसदी कर की दर से समान स्लैब में रखा जा सकता है. अन्य मदों में आइसक्रीम पर दर में कमी और आइसक्रीम निर्माताओं को कंपोजिशन योजना का लाभ प्रदान करना शामिल है. इसके अलावा आम के गूदे पर 5 फीसदी के तहत कर लगाने के संबंध में स्पष्टीकरण और बिना तले हुए फ्रायम्स के रेट के संबंध में स्पष्टीकरण अपेक्षित है.

Must Read

Related Articles

Floating Button Get News On WhatsApp
Don`t copy text!

Discover more from Sharp Bharat

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading