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दुखद : दाने-दाने को मोहताज हैं तीन अनाथ नाबालिग भाई-बहन : काम की तलाश में 30 किलोमीटर पैदल चलकर आए थे चाकुलिया, जिप सदस्य ने दिया सहारा, मिलेंगी सरकारी सुविधाएं

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  • बहरागोड़ा के माटीहाना के हैं अनाथ तीन भाई-बहन
  • भूखे प्यासे पैदल लौट रहे थे तब पड़ी जिप सदस्य की नजर

चाकुलिया : बहरागोड़ा प्रखंड के मटिहाना गांव के तीन अनाथ नाबालिक भाई बहन दाने-दाने को मोहताज हैं। भीख मांग कर गुजारा करते थे। बुधवार को काम की तलाश में 30 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर चाकुलिया आए थे। निराश होकर भूखे प्यासे पैदल ही अपने गांव जा रहे थे। कालापाथर के पास जिला परिषद के सदस्य शिवचरण हांसदा की नजर पड़ी। उन्होंने इन्हें भोजन कराया और शरण दिया। इसकी सूचना उपायुक्त को दी। उपायुक्त ने कहा कि 26 सितंबर को जिला की एक टीम आएगी। तीनों बच्चों का स्कूल में नामांकन कराया जाएगा और सरकारी सुविधाएं दी जाएंगी। मटियाना के मंगल मांडी वर्ग छह में तथा बहन जोबा मांडी वर्ग पांच में पढ़ती थी। सबसे छोटा भाई गुडरा मांडी पढ़ाई नहीं करता था। एक साल के अंदर इनके पिता गुलाब मांडी और मां लक्ष्मी मांडी का निधन हो गया। माता पिता के निधन से तीनो भाई बहन अनाथ हो गए। इनका देखभाल करने वाला कोई नहीं रहा। रिश्तेदारों ने भी इनकी सुधि नहीं ली। बहरागोड़ा के आसपास भीख मांग कर गुजारा करने लगे। आज तीनों काम की तलाश में पैदल ही चाकुलिया आए थे। भूखे प्यासे दिन भर बाजार में घूमे और निराश होकर लौटने लगे। जिला परिषद के सदस्य शिवचरण हांसदा ने इन्हें अपने पास रखा है। श्री हांसदा बताया कि इन बच्चों के विषय में उपायुक्त को सूचना दी गई। उपायुक्त ने कहा कि इन बच्चों को अपने पास रखें। इनका नामांकन किसी आवासीय विद्यालय में कराया जाएगा और सरकारी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

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