देवघर : मजदूर दिवस के अवसर पर रविवार को देवघर के कुष्ठ आश्रम रोड स्थित झारखंड चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला कार्यालय में जिलाध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र की अध्यक्षता में संघ की एक बैठक हुई। इसमें सर्वप्रथम शहीद बेदी पर मजदूर हितों में शहीद होने वाले देश के कॉमरेडों को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। जोगेश्वर गोप अमर रहे के नारों से संघ परिसर गूंज उठा। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के नियमित, अनुबंध तथा आउटसोर्सिंग के करीब डेढ़ सौ कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में सभी कर्मचारियों द्वारा बारी-बारी से कर्मचारी हित में सुझाव दिए गए। इस दौरान नियमित, अनुबंध तथा उससे कर्मियों के वेतन अनियमितता सहित आदि मुद्दे पर चर्चा की गई। उसके बाद बैठक में भविष्य की स्थिति को देखते हुए न्यूनतम पारिश्रमिक भुगतान तथा सेवा बरकरार रखने के लिए तथा आउटसोर्सिंग कर्मियों के हितों की रक्षा के लिए एक संगठन के गठन का निर्णय लिया गया। संगठन का नाम स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग कर्मचारी संघ, देवघर रखा गया। संगठन को झारखंड चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के द्वारा संबद्धता प्रदान की गई। (नीचे भी पढ़ें)
बैठक में उपस्थित कर्मचारियों ने सर्वसम्मति से नवगठित संगठन के पदाधिकारियों का चयन किया। इसमें अध्यक्ष पद पर दिव्यांशु दुबे व सचिव के रूप में सुनील दास को चुना गया। इसके साथ ही उपाध्यक्ष मनोरंजन राय, पंकज कुमार राय, मुन्ना कुमार सिंह, संयुक्त सचिव अजीत कुमार दास, सेवा धन मुर्मू, सुदामा शर्मा, संघर्ष मंत्री अंजेश दुबे, रवि आनंद, सुधांशु कुमार पांडे, कोषाध्यक्ष शिव रानी कुमारी सिंह, जिला प्रतिनिधि प्रदीप कुमार टुडू, मुन्ना कुमार महतो, कृष्णा यादव, अनिल पंडित तथा कार्यकारिणी सदस्य के रूप में नेपाल यादव, आशीष कुमार कापरी, कुणाल सिंह, प्रीतम सिंह, गणेश पोद्दार,सुबोध कुमार, जगजीवन दास, निताई दास, मीरा कुमारी, कमली देवी, कुंदन पांडे, चंदन प्रमाणिक, मृत्युंजय चौबे, निशिकांत कुमार, कुबेर कुमार, मणिकांत सिंह, नागेश्वर झा का चयन किया गया। तत्पश्चात माला पहना के सभी का स्वागत किया गया। (नीचे भी पढ़ें)
संगठन के चयन के उपरांत बैठक के दौरान एक बात खुल कर सामने आई कि मजदूर दिवस के अवसर पर संघ कार्यालय में बैठक में आने वाले कुछ कर्मियों को कंपनी के कुछ प्रतिनिधि के द्वारा बैठक में आने पर अंजाम भुगतने तथा नौकरी से निष्कासित करने की धमकी दी जा रही थी। इस पर रोष प्रकट करते हुए सभी कर्मचारियों द्वारा उक्त प्रतिनिधि के ऊपर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्णय लिया जा रहा था ,इसी बीच संबंधित कंपनी के प्रतिनिधि द्वारा बैठक में फोन करके पूरे सभा के सामने सामूहिक रूप से माफी मांगे जाने के बाद उनको आगे से ऐसी गलती नहीं करने की नसीहत के साथ सर्वसम्मति से माफ करने का निर्णय लिया गया। (नीचे भी पढ़ें)
बैठक में एनएचएम कर्मियों के 15% मानदेय वृद्धि कर मूल मानदेय में समायोजित करने की प्रक्रिया पर प्रगति होने तथा दो-चार दिनों में सिविल सर्जन के माध्यम से पत्र निकलने की बात कही गई। संगठन के प्रतिनिधिमंडल के द्वारा जिला लेखा प्रबंधक से वार्ता के दौरान इस समस्या के समाधान का आश्वासन दिया गया है, समाधान नहीं होने पर पुनः जोरदार आंदोलन करने की रणनीति तैयार की गयी। आउटसोर्सिंग के तहत नियुक्त कर्मियों को श्रम मंत्रालय के द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी की मांग पर भी बात की गई। मामले का समाधान नहीं होने पर 20 मई से पुनः आंदोलन के शुरुआत की रणनीति बनाई जाएगी। बैठक में संगठन सचिव अरुण प्रसाद यादव, संयुक्त सचिव संजीव कुमार मिश्रा, उपाध्यक्ष रीना कुमारी, संघर्ष मंत्री सौरभ कुमार समेत जीएनएम कर्मचारी संघ की सचिव संगीता राजहंस, आरती कुमारी, कविता कुमारी, ममता कुमारी, एनयूएचएम के अमरेंद्र कुमार समेत अनेक कर्मचारी उपस्थित थे।