मधुपुर : विश्व आदिवासी दिवस पर मधुपुर अनुमंडल मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग संगठनों द्वारा मंगलवार को कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। प्रखंड के जाभागुड़ी पंचायत के भलुवा गांव स्थित खेल मैदान में सिदो कान्हो जुबान सुसार बैसी के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन ने संबोधित करते हुए कहा कि इस बार विश्व आदिवासी दिवस का थीम पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण और प्रसारण में स्वदेशी महिलाओं की भूमिका रखा गया है। 1982 से पूरी दुनिया भर में विश्व आदिवासी दिवस मनाने की परंपरा शुरू हुई। मुख्य उद्देश्य आदिवासी समाज के मानवीय अधिकारों का सरंक्षण, उसके जल, जंगल, जमीन के अधिकार संरक्षित करने, अस्मिता आत्मसम्मान कला, संस्कृति के अस्तित्व को कायम रखने एवं शिक्षा का प्रचार-प्रसार व आदिवासी समाज में जन जागृति है। (नीचे भी पढ़ें)
साथ ही समाज में व्याप्त बुराइयों जैसे शराब का सेवन, शिक्षा का निम्न स्तर, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का अभाव, उन्नत व्यापार का अभाव, उन्नत कृषि का अभाव जैसी बुराइयों को मिटाने के लिए आदिवासी समाज को जागरूक करना एवं शिक्षा का व्यापक प्रचार प्रसार करने का संकल्प लेने की बात मंत्री ने कही। मौके पर पूर्व जिला परिषद दिनेश्वर किस्कू, मुखिया मोहन किस्कू, गुंसी सोरेन, झामुमो नगर अध्यक्ष प्रकाश मंडल, प्रखंड अध्यक्ष शाकिर अंसारी, मकसद खान, झामुमो जिला मीडिया प्रभारी समीर अंसारी, पंचायत समिति सदस्य समोली हांसदा सहित काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे। उधर मधुपुर के डाकबंगला मैदान में आदिवासी इतून अखाड़ा व एवेन अखाड़ा समिति के संयुक्त तत्वाधान में पारंपरिक आदिवासी नृत्य गीत से मंत्री हफीजुल हसन का स्वागत किया गया। मंत्री ने उपस्थित आदिवासी समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए स्पष्ट कहा कि विश्व आदिवासी दिवस के दौरान प्रत्येक वर्ष किए गए कार्यों की समीक्षा होती है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय का मृत्यु दर अधिक और जन्म दर कम होना चिंता का विषय है। आदिवासियों को बचाने की जरूरत है। लिहाजा सभी लोग शिक्षा पर अधिक जोर दें। जब तक आदिवासी समाज पूर्ण रूप से शिक्षित नहीं होगा तब तक उनके अधिकार का हनन होता रहेगा। (नीचे भी पढ़ें)
उन्होंने आदिवासी समुदाय के लोगों से नशाखोरी अभियान चलाने की बात कही। कहा कि आज के दिन सभी लोग संकल्प लें कि कभी भी न शराब पिएंगे और न किसी को पीने देंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी झारखंड के हेमंत सोरेन सरकार को अस्थिर करने में लगी है। कहा कि एक आदिवासी मुख्यमंत्री को भाजपा पचा नहीं पा रही है। उन्होंने आदिवासी समुदाय के लोगों से जागृत रहने की बात कही। इस दौरान नगर परिषद उपाध्यक्ष मोहम्मद जियाउल हक, एसडीपीओ विनोद कुमार रवानी, कार्यक्रम के अध्यक्ष भुवनेश्वर कोल ने भी अपने संबोधन में आदिवासियों की सुरक्षा, अस्तित्व और संपूर्ण विकास को लेकर महत्वपूर्ण बातें रखी। कार्यक्रम में आदिवासी महिलाओं ने सामूहिक रूप से करमा नृत्य, सोहराय नृत्य, डॉग नृत्य व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देकर उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। मौके पर इंस्पेक्टर इंचार्ज रामदयाल मुंडा, मुखिया मरियम टुडू, आयोजन समिति के सचिव ओदिन हांसदा, कोषाध्यक्ष वामिनी हेंब्रम, प्रभुजान हांसदा, वेरनादत्त तिर्की, सुरेश मांझी, बाल किशोर सोरेन, युगल किशोर बास्की सहित प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों से आए सैकड़ों आदिवासी महिला, पुरुष व बच्चे उपस्थित थे।