देवघर: स्थानीय विवेकानंद शैक्षणिक,सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा संस्थान तथा योगमाया मानवोत्थान ट्रस्ट द्वारा 18 जून को मैत्रेया स्कूल में आयोजित समारोह में शहर के सुशील फलाहारी एवं आरती देवी के सुपुत्र को महादेव भक्त सम्मान पुरस्कार की मानद उपाधि से अलंकृत एवं विभूषित की जाएगी. इसकी जानकारी विवेकानंद संस्थान के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ.प्रदीप कुमार सिंह देव ने दी. निखिल ने देवघर से 22 सितंबर, 2021 को द्वादश ज्योतिर्लिंग बैद्यनाथ का दर्शन कर 12 ज्योतिर्लिंगों एवं चारधामों की साइकिल यात्रा पर निकले थे. उन्होंने 256 दिनों में 14500 किमी की दूरी तय की. निखिल ने कहा-हिंदू धर्म में पुराणों के अनुसार शिवजी जहां-जहां स्वयं प्रगट हुए उन बारह स्थानों पर स्थित शिवलिंगों को ज्योतिर्लिंगों के रूप में पूजा जाता है. ये संख्या में 12 है. (नीचे भी पढ़े)
सौराष्ट्र के काठियावाड़ में श्री सोमनाथ, श्रीशैल पर श्रीमल्लिकार्जुन,उज्जयिनी,उज्जैन में श्रीमहाकाल, ॐकारेश्वर अथवा ममलेश्वर,परली में वैद्यनाथ, डाकिनी नामक स्थान में श्रीभीमशंकर,सेतुबंध पर श्री रामेश्वर,दारुकावन में श्रीनागेश्वर,वाराणसी,काशी में श्री विश्वनाथ,गौतमी,गोदावरी के तट पर श्री त्र्यम्बकेश्वर,हिमालय पर केदारखंड में श्रीकेदारनाथ और शिवालय में श्रीघृष्णेश्वर. हिंदुओं में मान्यता है कि जो मनुष्य प्रतिदिन प्रात:काल और संध्या के समय इन बारह ज्योतिर्लिंगों का नाम लेता है, उसके सात जन्मों का किया हुआ पाप इन लिंगों के स्मरण मात्र से मिट जाता है. प्रत्येक ज्योतिर्लिङ्ग का एक एक उपलिंग भी है जिनका वर्णन शिव महापुराण की कोटिरुद्र संहिता के प्रथम अध्याय से प्राप्त होता है. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय धर्मग्रंथों में बद्रीनाथ,द्वारका,जगन्नाथ पुरी और रामेश्वरम की चर्चा चारधाम के रूप में की गई है.