देवघर : राजकीय श्रावणी मेला, 2022 के चौथी सोमवारी के अवसर पर बाबा मंदिर में चली आ रही प्राचीन परंपरा के अनुसार बेलपत्र प्रदर्शनी व बेलपत्र चढ़ाने की अलौकिक परंपरा है। यह परंपरा लगभग 151 वर्षो से चली आ रहा है। श्रावण मास की चौथी व आखिरी सोमवारी को सभी दलों के द्वारा बाबा पर शाम बिल्वपत्र अर्पित किया गया, जबकि शाम को सभी दलों की ओर से आकर्षक एवं अनोखे पहाड़ी बिल्वपत्र की प्रदर्शनी लगायी गयी। (नीचे भी पढ़ें)
इसके अलावे सभी दलों द्वारा अपने पूर्व स्थानों में चांदी एवं स्टील के बर्तन में आकर्षक एवं अनोखे पहाड़ी बिल्वपत्र की प्रदर्शनी लगायी गयी। इस अवसर पर मां काली मंदिर में जनरेल समाज, देव कृपा वन सम्राट बिल्वपत्र समाज, मां तारा मंदिर में बरनेल समाज, मां लक्ष्मी नारायण मंदिर में मसानी दल व असमाज, राम मंदिर में राजाराम बिल्वपत्र समाज, आनंद भैरव मंदिर में पंडित मनोकामना राधे श्याम बेलपत्र समाज के दो दल द्वारा आकर्षक एवं बाबा की त्रिनेत्र के समान अनोखे पहाड़ी बिल्व पत्र की प्रदर्शनी लगाई गयी। परंपरा के अनुसार सभी दल के सदस्यों द्वारा शाम लगभग पांच बजे अपने विल्वपत्र को चांदी के बर्तनों में सजाकर शहर भ्रमण को निकलते हैं। इसके बाद वह अपने विल्वपत्र के साथ अपनी गद्दी पर जाकर प्रदर्शित करते हैं।