देवघर : सिपाही विद्रोह के दौरान देवघर के रोहिणी निवासी तीन वीर शहीद हुए थे, जिनकी याद में 16 जून को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है. कोरोना को लेकर धूमधाम की जगह प्रशासन की ओर से एक सादा कार्यक्रम आयोजित कर तीनों स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धा-सुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया गया. साथ ही इस अवसर पर उनके आश्रितों को सम्मानित किया गया. (नीचे भी पढ़ें)
सन 1857 में जब मेरठ में सिपाही विद्रोह की आग भड़की तो इसकी चिंगारी ने देवघर के रोहिणी स्थित 5वीं अस्थायी धुड़सवार सेना के सैनिकों को भी आंदोलित कर दिया था. असंतोष इतना बढ़ गया की उनमें से तीन सैनिक सलामत अली, अमानत अली और शेख हारो ने हथियार उठा लिए और एक अंग्रेज अधिकारी को मौत के घाट उतार दिया. बाद में इसी जगह 16 जून 1857 को इन सिपाहियो को आम के पेड़ से लटका कर फांसी की सजा दे दी गयी थी. इन सिपाहियों की याद में प्रतिवर्ष आज के दिन शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिनमें जिला के कई पदाधिकारी, स्वतंत्रता सेनानी, गणमान्य लोगों के अलावा स्थानीय लोग शामिल हुए और शहीदों की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हे श्रद्धासुमन अर्पित किया.