जमशेदपुर : डीएवी पब्लिक स्कूल द्वारा छठी कक्षा के बच्चों को कथित रूप से धार्मिक रूप से प्रताड़ित करने के मामले में शिक्षा विभाग ने सख्ती दिखाई है। मामले में शिक्षा सत्याग्रह के नेता अप्पू तिवारी एवं अन्य से प्राप्त लिखित शिकायत के आलोक में विभाग ने जांच के आदेश जारी किये हैं। बुधवार को जिला शिक्षा अधीक्षक विनीत कुमार ने जमशेदपुर एक के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को डीएवी पब्लिक स्कूल के ख़िलाफ़ प्राप्त शिकायतों पर जांच करते हुए पंद्रह दिनों में रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है। शिकायत में जिक्र है कि डीएवी पब्लिक स्कूल की शिक्षिकाओं द्वारा प्रिंसिपल और मैनेजमेंट के निर्देशों पर छठी के बच्चों को एक समुदाय विशेष से संबंधित वीडियो भेजे जा रहे हैं और उसे देखकर प्रैक्टिस करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। स्कूल ने यह आदेश ऐसे समय मे जारी किये हैं जब देशभर में लॉकडाउन है और यह भी तय नहीं है कि स्कूल कब से नियमित रूप से शुरू होंगे। स्कूल की शिक्षिकाओं द्वारा पैरेंट्स के व्हाट्सएप नंबर पर ये वीडियो भेजे जा रहे हैं जिसको लेकर कई अभिभावकों ने स्क्रीनशॉट के साथ मामले में शिक्षा सत्याग्रह के नेता अप्पू तिवारी और अन्य हिंदूवादी संगठनों के लोगों से मदद करने की अपील की थी। बच्चों द्वारा पूछे जाने पर कि क्या यह प्रैक्टिस करना अनिवार्य है, इसपर स्कूल की ओर से स्पष्ट किया गया था कि समुदाय विशेष के उस वीडियो को देखकर याद करना सभी बच्चों के लिए अनिवार्य है। इसी बात को लेकर पेरेंट्स की आपत्ति थी। इस मामले को लेकर डीएवी पब्लिक स्कूल के विरुद्ध साईबर थाना में भी शिकायत दर्ज करवाई गयी है। इस मामले में शिक्षा सत्याग्रह के नेता अप्पू तिवारी ने कहा कि जमशेदपुर के निजी स्कूलों द्वारा दोहरा नियम चलाया जाता है। उन्होंने कहा है कि कई स्कूल प्रबंधन बच्चों के तिलक लगाने, जय श्रीराम बोलने तक पर रोक लगा चुके हैं और समय समय पर बच्चों के खिलाफ एक्शन लेने के मामले भी आते रहते हैं, लेकिन इस बार डीएवी पब्लिक स्कूल ने खुद ही नौनिहालों पर अनिवार्य रूप से एक समुदाय विशेष से जुड़ा वीडियो देखकर प्रैक्टिस करने का फरमान जारी किया है।
बिष्टुपुर के डीएवी पब्लिक स्कूल मामले में डीएसई ने दिये जांच के आदेश, 15 दिन में रिपोर्ट सौंपेंगे बीईओ
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