नयी दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( इंप्लाई प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन) सब्सक्राइबर्स को सुप्रीम कोर्ट में जल्द राहत मिल सकती है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में योगदान करने वाले लाखों कर्मचारियों की कर्मचारी पेंशन योजना की पेंशन एक झटके में 300% तक बढ़ सकती है. ईपीएफओ ने कर्मचारियों की ईपीएस पेंशन के लिए अधिकतम वेतन 15 हजार रुपये (मूल वेतन) तय किया है. अब सुप्रीम कोर्ट कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की इस सैलरी-लिमिट को खत्म कर सकता है. यह मामला विचाराधीन है और इस पर लगातार सुनवाई चल रही है. कर्मचारियों की कर्मचारी पेंशन योजना में पेंशन की गणना भी अंतिम वेतन यानी उच्च वेतन ब्रैकेट पर की जा सकती है. ईपीएफओ के इस फैसले से कर्मचारियों को कई गुना ज्यादा ईपीएस पेंशन मिलेगी. बता दें कि पेंशन पाने के लिए ईपीएफ में 10 साल तक योगदान करना जरूरी है. वहीं, 20 साल की सेवा पूरी करने पर 2 साल का वेटेज मिलता है . (नीचे भी पढ़ें)
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की मौजूदा व्यवस्था के मुताबिक अगर कोई कर्मचारी 1 जून 2015 से नौकरी कर रहा है और 14 साल की सेवा पूरी करने के बाद पेंशन लेना चाहता है तो उसकी कर्मचारी पेंशन योजना में पेंशन की गणना 15,000 रुपये ही की जाएगी, भले ही वह किसी ईपीएस कर्मचारी के साथ काम कर रहा हो. वेतन 20 हजार रुपये. बेसिक सैलरी ब्रैकेट में हों या 30 हजार रुपये. पुराने फॉर्मूले के मुताबिक कर्मचारी को 14 साल पूरे होने पर 2 जून 2030 से करीब 3000 रुपये पेंशन मिलेगी. पेंशन की गणना का सूत्र है-(सेवा इतिहासx15,000/70). लेकिन, अगर सुप्रीम कोर्ट कर्मचारियों के पक्ष में फैसला करता है, तो उसी कर्मचारी की पेंशन बढ़ जाएगी. (नीचे भी पढ़ें)
मान लें कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन सब्स्क्राइबर की नौकरी 33 साल है. उनकी आखिरी बेसिक सैलरी 50 हजार रुपये है. कर्मचारी पेंशन योजना की मौजूदा व्यवस्था के तहत पेंशन की गणना अधिकतम 15 हजार रुपये वेतन पर ही की जाती थी. इस तरह ( फॉर्मूला : 33 साल+2= 35/70×15,000) पेंशन सिर्फ 7,500 रुपये होती. मौजूदा व्यवस्था में यह अधिकतम ईपीएस पेंशन है। लेकिन, पेंशन की सीमा हटाने के बाद पेंशन को अंतिम वेतन के हिसाब से जोड़ने पर उन्हें 25000 हजार रुपये पेंशन मिलेगी. मतलब (33साल+2= 35/70×50,000=25000 रुपये). (नीचे भी पढ़ें)
बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के नियमों के मुताबिक अगर कोई कर्मचारी लगातार 20 साल या इससे ज्यादा समय तक कर्मचारी पेंशन योजना में योगदान करता है तो उसकी सेवा में दो साल और जुड़ जाते हैं। इस तरह 33 साल की सेवा पूरी हुई, लेकिन 35 साल के लिए ईपीएस पेंशन की गणना की गई। ऐसे में उस कर्मचारी की सैलरी में 333 फीसदी का इजाफा हो सकता है. कर्मचारी पेंशन योजना संशोधन, 2014 को केंद्र सरकार द्वारा 1 सितंबर 2014 से एक अधिसूचना जारी कर लागू किया गया था. इसका निजी क्षेत्र के कर्मचारियों ने विरोध किया था और वर्ष 2018 में केरल उच्च न्यायालय में इसकी सुनवाई हुई थी. ये सभी कर्मचारी ईपीएस, ईपीएफ और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 की सुविधाओं से आच्छादित थे. कर्मचारियों ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के नियमों का विरोध करते हुए कहा कि यह उन्हें कम पेंशन सुनिश्चित करता है.