- मामला : हाटगम्हरिया प्रखंड के कोचड़ा बाजार स्थित बन रहे भवन का
चाईबासा : जमीन के अभाव में जिला प्रशासन अपनी योजना को धरातल पर उतारने के लिए रैयतदार भू-मालिकों को मुअवजा देकर भवन या सड़क बनाने को बाध्य है, वहीं ग्रामीण मुण्डा अपने अधिकार का दुरुपयोग कर सरकारी जमीन की बंदोबस्ती करने में जुटे हुए है. ऐसा ही एक मामला जिले के हाटगम्हरिया प्रखंड के कोचड़ाबाजार में प्रकाश में आया है. यह तो अच्छी खबर है कि प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अंचलाधिकारी परमेश्वर कुशवाहा को गुप्त सूचना मिली और त्वरित कार्रवाई किये जाने से सरकार की करीब साढ़े 18 डिसमल जमीन पर कब्जा होने से बच गया। स्थल पर पहुंच कर बीडीओ परमेश्वर कुशवाहा ने उक्त जमीन पर कराये जा रहे निर्माण को रुकवा दिया और दावा करने वाले जमीन मालिक से प्रखंड विकास पदाधिकारी ने जमीन का कागजात दिखाने को कहा. इस पर भू-मालिक ने कहा की मुझे ग्रामीण मुण्डा द्वारा बंदोबस्ती के नाम जमीन दी गई है. बाद में प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अंचलाधिकारी परमेश्वर कुशवाहा द्वारा बंदोबस्ती पर्चा को देखा गया तो पाया कि यह कच्चा बंदोबस्ती पेपर है. पक्का पेपर नहीं बनाया गया और मुण्डा द्वारा बंदोबस्ती का वास्तविक पर्चा दिया गया है. उस पर्चे को पक्का बनाने के लिए समय अवधि भी समाप्त हो चुकी है जो स्वतः बंदोबस्ती समाप्त हो जाती है. इस सबंध में बीडीओ सह हाटगम्हरिया अंचलाधिकारी परमेश्वर कुशवाहा से पूछे जाने पर बताया गया कोचड़ा बाजार के पास सरकारी जमीन पर कुछ लोगों द्वारा अवैध कब्जा किया जा रहा है. सूचना पाकर स्थल निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के दौरान पाया गया कि जमीन मालिक द्वारा ग्रामीण मुण्डा कोचड़ा के द्वारा बंदोबस्ती के नाम पर जमीन दी गई थी, लेकिन पक्का बंदोवस्ती पेपर नहीं बनाया गया है और कच्चा बंदोबस्ती पेपर है, जिसकी समय-सीमा अब समाप्त हो गई है. इसलिए काम रुकवाया गया है. वह पूर्ण रूप से सरकारी भूमि है. इस पर अवैध निर्माण करना अपराध है. साथ ही उन्होंने कहा की अभी काम रुकवाया गया है. वहां बुलडोजर लगा कर जमीन को प्लेन भी कराया जायेगा.