विधानसभा चुनाव से पहले जमशेदपुर में मालिकाना हक का जिन्न एक बार फिर से बाहर आता नजर आ रहा है. आपको बता दें कि झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री पिछले 25 सालों से जमशेदपुर के लोगों को मालिकाना हक दिलाने के नाम पर राजनीति करते रहे हैं और इसी के दम पर वे झारखंड के सत्ता के शीर्ष पर विराजमान है, लेकिन पिछले 5 साल से झारखंड के सत्ता के शीर्ष पर काबिज होने के बाद भी जमशेदपुर के लोगों को मालिकाना हक दिलाने में नाकाम साबित हुए है. इधर झारखंड सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए 12 साल से अधिक समय से रह रहे लोगों को मालिकाना हक दिए जाने की वकालत करते हुए अपने ही सरकार पर हमला किया है. हालांकि मंत्री ने खुद इस मामले पर पहल करने की बात कही है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए आम लोगों से जिले के उपायुक्त को आवेदन देकर वैद्य प्रमाण पत्रों के साथ जमीन को वैद्य कराए जाने की अपील की है. वहीं उन्होंने इस मामले पर कानूनी सलाह एक के लिए स्टडी किए जाने की बात कही है. वैसे विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मंत्री के बयान का जमशेदपुर वासियों पर कितना असर पड़ेगा ये तो आने वाला समय ही बताएगा. फिलहाल मंत्री के इस बयान से झारखंड में दखल कर रह रहे लोगों को बड़ी राहत दे सकती है.