जमशेदपुर : कोल्हान यानी जमशेदपुर के आयकर विभाग के प्रधान आयकर आयुक्त ने कहा कि भारत सरकार ने संसद से विवाद से विश्वास स्कीम बिल पास की है, जिसका नोटिफिकेशन 18.03.2020 को किया गया है, जिसके तहत वैसे सभी करदाता जिनका कोई भी केस अपीलीय स्तर पर पेंडिंग है, वो इस स्कीम में जा सकते हैं. अपील आयकर आयुक्त (अपील), आयकर अपीलीय प्राधिकरण, उच्च न्यायलय, सुप्रीम कोर्ट आदि स्तर पर होनी चाहिए और उसमें डिस्प्यूटेड डिमांड चैलेंज किया गया होगा, मान्य है. इस स्कीम के तहत 31 मार्च 2020 के पहले सभी करदाता अपना अपील वापस लेके जो मुख्य डिमांड निर्धारण के पश्चात होता है, उसे जमा करते है तो, उनका उस डिमांड पर लगने वाला हर प्रकार का इंटरेस्ट और पेनाल्टी माफ़ कर दिया जायेगा और उस करदाता पर प्रॉसिक्यूशन यदि बनता है तो उस पर कार्यवाही नहीं होगी. इस स्कीम के तहत 31 मार्च 2020 तक डिस्प्यूटेड टैक्स (विवादित कर का मामला) उसमे से इंटरेस्ट और पेनाल्टी हटा कर जमा कर सकते है.
31 मार्च तक पूरा नेट टैक्स देना है. यदि 31 मार्च तक टैक्स नहीं दे पाए, और वह करदाता विवाद से विश्वास स्कीम में जाना चाहते हैं वो 30 जून तक नेट टैक्स जमा कर सक्ते है लेकिन उन्हें 100 परसेंट की जगह 110 परसेंट देना होगा, मतलब 10 परसेंट व्याज के साथ नेट टैक्स भुगतान करना होगा. ऐसे केस में जहाँ मामला सर्च और सीज़र का है उसमें 31 मार्च तक 125 परसेंट नेट टैक्स का देना है और 30 जून तक 135 परसेंट देना है. वैसे केस में जिसमे अपीलेट अधिकारी ने अपील आयकरदाता के पक्ष में निर्णय कर दिया है लेकिन विभाग इस निर्णय के खिलाफ अपील स्टेज में केस पेंडिंग है उसका निर्णय नहीं हुआ है तो करदाता नेट टैक्स का 50 परसेंट पेमेंट कर सकता है. उसका केस समाप्त कर दिया जायेगा. वैसे केस जिनका अपील स्तर पर केस समाप्त हो चुका है और टैक्स भी जमा किया जा चुका है लेकिन उसका इंटरेस्ट और पेनाल्टी अभी भी अपील में पेंडिंग है वैसे केस में नेट पेनल्टी या इंटरेस्ट का 25 परसेंट 31 मार्च तक और 30 जून तक 30 परसेंट जमा कर सकते है. इन सारे केस में अपील वापस हो जायेगा और केस सेटल्ड मान लिया जायेगा. उपरोक्त सभी केस में आवेदन, फॉर्म 1 एंड फॉर्म 2 भरकर, ऑनलाइन करना है जिसके लिए वेबसाइट है http://www.incometaxindiaefiling.gov.in
प्रधान आयकर आयुक्त अविनाश किशोर सहाय ने करदाताओं से अनुरोध किया है कि वो इस स्कीम का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाये और कम से कम टैक्स देकर पेंडिंग अपील केस का निपटारा करें.