
जमशेदपुर : वर्ष 2021 में भारत में जनगणना होनी है। लेकिन जनगणना फार्म में सरना धर्म का कॉलम नहीं है. इसे जनगणना में शामिल करने की मांग करते हुए आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से सोमवार को एकदिवसीय सांकेतिक अनशन किया गया. इस दौरान अभियान की ओर से कहा गया कि हम भारत के लगभग 15 करोड़ आदिवासी हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई नहीं हैं। हम आदिवासी प्रकृति पूजक धर्म (सरना धर्म) मानने वाले हैं। भारत सरकार से सरना धर्म कोड की मांग और मान्यता के लिये आदिवासी सेंगेल अभियान (ASA) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद सालखन मुर्मू के अगुवाई में एवं अन्य संगठनों से मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर झारखंड, बंगाल, बिहार, उड़ीसा, असम आदि राज्यों में कई बार लगातार मांग पत्र/ मेमोरण्डम देते रहे। रेल/ रोड चक्का जाम, आन्दोलन करते रहे हैं। किन्तु भारत सरकार सरना धर्म कोड मान्यता पर अभी तक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दिखती है। बिलकुल चुप हैं। मोदी सरकार अनुच्छेद 25 के तहत आदिवासियों के साथ संवैधानिक अन्याय कर रही है। बीजेपी/आर एस एस आदिवासियों को हिन्दू बनाने का षड्यंत्र चला रही है। हम उनका विरोध करते हैं। अतः सरना धर्म कोड की मान्यता जल्द मिले, ताकि 2021 की जनगणना में शामिल हो सके। अनशन में बिमो मुर्मू, किसुन हांसदा, सालखन मुर्मू (जेआर) शामिल हुए।