jamshedpur-केरल व ओडिशा के बाद जमशेदपुर में भी टोमैटो फ्लू का खतरा, मंकीपाक्स भी विदेशों में दे चुका है दस्तक, विदेश यात्रा करने वालों पर रखी जा रही नजर, जानें क्या है टैमैटो फ्लू व मंकीपाक्स के लक्षण

राशिफल

जमशेदपुर : कोरोना वायरस अभी खत्म नहीं हुआ कि टोमैटो फ्लू और मंकीपाक्स ने दस्तक दे दी है. मंकीपाक्स तो फिर भी अभी विदेशों तक ही सिमीत है परंतु टोमैटो फ्लू ने भारत में बहुत दिनों पहले ही दस्तक दे दी है. इस दौरान केरल में 80 से ज्यादा बच्चों टोमैटो फ्लू की चपेट में आ चुके है. वह बिमारी आम तौर पर पांच साल के कम के बच्चों पर देखने को मिल रहा है. वहीं ओडिशा में अब तक 26 बच्चों इस फ्लू से संक्रमित हो चुके है. जमशेदपुर में रोजाना सैकड़ो लोग आडिशा और केरल आना जाना करते है जिससे जमशेदपुर के लोगों को भी सतर्क रहने की जरूरत है. वहीं जमशेदपुर के बहुत से लोग विदेशों में आना जाना करते है, जिससे आने-जाने वाले लोगों के लिए सख्ती बढ़ा दी गयी है. वहीं दूसरी ओर मंकीपाक्स केवल अफ्रीका के कुछ हिस्सों में ही पाया गया है, जो अब तेजी से इटली, स्वीडन, स्पेन, पुर्तगाल, अमेरिका, कनाडा और तक पहुंच चुका है. इस बीमारी से फैलने से स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चिंता जताई है. मंकीपाक्स कोई नया बीमारी नहीं है. इसे पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गे बंदरों में देखा गया था. 1970 में पहली बार इंसान में इस वायरसकी पुष्टी हुई थी. वायरस के दो मुख्य स्ट्रेन है पश्चिम अफ्रीकी और मध्य अफ्रीकी. (नीचे भी पढ़ें)

इसलिए नाम पड़ा टोमैटो फ्लू
टोमैटो फ्लू आम तौर पर बच्चों में पाया जाता है. इसमें बच्चे को वायरल फीवर होती है. इस फीवर के बाद शरीर में लाल रंग के धब्बे से बन जाता है, जो टमाटर की तरह ही लाल रंग का होता है. इसलिए इसका नाम टोमैटो फ्लू पड़ा. इसकी वजह से बच्चों के शरीर में खुजली और जोड़ो में दर्द होने लगती है. वहीं बच्चों के शरीर में पानी की कमी हो जाती है.
टोमैटो फ्लू के लक्षण-
इस दौरान संक्रमित बच्चों को बुखार, रैशेज, पानी से भरा छोटे-छोटे दाने, टमाटर की तरह लाल रंग के दाने, खांसी, जुकाम, शरीर में जलन, पमड़े के रंग बदलना, उल्टी, दस्त शामिल है.
फ्लू का बचाव-
डॉक्टरों का कहना है कि टोमैटो फ्लू के लक्षण के बाद ही डॉक्टरों से संपर्क करे. वहीं इस दौरान केवल एक व्यक्ति ही बच्चे की देखभाल करे. वहीं बच्चे की तौलिया, चादर, रोजाना के इस्तमाल का सामान अलग रखे. इस दौरान बच्चे को हल्के गर्म पानी से नहलाएं. हल्दी डाइट का सेवन कराएं. (नीचे भी पढ़ें)

कैसे फैलता है मंकीपाक्स का संक्रमण-
मंकीपाक्स किसी संक्रमित जानवर के काटने से या उसके खून से फैलता है. इसका मुख्य कारण है कि इस संक्रमण का पता बहुत देर से चल पाता है, जिससे यह तेजी से विदेशों में संक्रमित हो रही है.
क्या है उसके लक्षण-
मंकीपाक्स के संक्रमण में बुखार, सिरदर्द, सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द और सामान्य रुप से सुस्ती शामिल है. बुखार के समय अत्यधिक खुजली वाले दाने विकसित हो सकते है, जो अक्सर चेहरे से शुरू होकर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते है. संक्रमण आमतौर पर 14 से 21 दिन तक रहता है.

spot_img

Must Read

Related Articles

Don`t copy text!