जमशेदपुर : जमशेदपुर के सभी अखाड़ा समितियों की 200 से भी अधिक अखाड़ा समितियों की एक बैठक जमशेदपुर के काशीडीह स्थित दुर्गा पूजा मैदान में हुई. इस बैठक का आयोजन ठाकुर प्यारा सिंह धुरंधर सिंह अखाड़ा समिति के संरक्षक अभय सिंह के नेतृत्व में हुई. सबसे पहले अभय सिंह ने अपनी सारे तथ्यों को विगत रामनवमी में हुई घटना को रखा. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार ने डीजे और टेलर में पाबंदी लगाई थी और साथ ही 24 मार्च 2023 को सिदगोड़ा टाउन हॉल में शांति समिति की बैठक में यह प्रस्ताव लाया था, तब तत्कालीन केंद्रीय रामनवमी अखाड़ा समिति के अध्यक्ष समेत कोई भी अधिकारी इसका विरोध नहीं किया और उनकी हां में हां मिला दिए जबकि उनको नेतृत्व होने के नाते अविलंब इस पर अंकुश लगाना चाहिए और यह व्यथा पूरे जमशेदपुर के अखाड़ा समितियों को बताना चाहिए था. केवल हमने 25 मार्च को सभी अखबारों में कहा कि हम जिला प्रशासन या सरकार के सारे शर्तों को मानूंगा। लेकिन टेलर और डीजे में कोई भी प्रतिबंध स्वीकार नहीं करूंगा. (नीचे भी पढें)
इसके बावजूद जिला प्रशासन या केंद्रीय रामनवमी अखाड़ा समिति या शांति समिति की किसी लोगों ने ना ही संपर्क किया और ना ही इस पर गंभीरता दिखाई. नतीजा निकला कि रामनवमी के दिन जानबूझकर के जिला प्रशासन राज्य सरकार के दिशा निर्देश में राज्य के मंत्री बन्ना गुप्ता की इशारे में साकची के बाल मंदिर श्री सुमन अग्रवाल के अखाड़ा को बाधित करने का प्रयास किया और ट्रेलर एवं डीजे को जप्त कर थाना ले जाया गया. रात भर नवमी के दिन बाल मंदिर समेत सारे विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल , दुर्गा वाहिनी एवं विभिन्न अखाड़ा समिति के लोगों के द्वारा धरना दिए जाने के बावजूद कोई राहत नहीं मिला. जमशेदपुर के सांसद ने भी संपर्क स्थापित किया, वे भी निरुत्तर हो गए तब विवश होकर दूसरे दिन 9 बजे 31 तारीख को बाल मंदिर के परिसर में सारे अखाड़ा समिति के लोग एकत्रित होने लगे. राज्य सरकार को अल्टीमेटम दिया गया लेकिन राज्य सरकार या उनके कोई भी प्रतिनिधि संपर्क करने नहीं आए. नतीजा 14 सदस्यीय समिति द्वारा जमशेदपुर में अखाड़ा नहीं निकले, यह प्रस्ताव लाया गया. यह प्रस्ताव लाने के बावजूद केंद्रीय रामनवमी अखाड़ा समिति हो या शांति समिति हो या जिला प्रशासन के अधिकारी हो इस पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई. जानबूझकर केंद्रीय रामनवमी अखाड़ा समिति पुलिस कंट्रोल रूम में बैठकर के लोगों को चिन्हित करते रहे जिनको रक्षक बनाया गया. वे भक्षक बनकर प्रशासन को दिग्भ्रमित करते रहे. प्रशासन उनके भ्रम के कारण सारा शहर जलता रहा. अखाड़ा समिति और प्रशासन की डोर की कड़ी को उन्होंने जानबूझकर अपने निजी स्वार्थ बस तोड़ने का काम किया जब प्रशासन ने संध्या 7:00 बजे इसकी बात वकालत की अखाड़ा समितियों से संपर्क स्थापित करने के लिए कहा तब सांसद की मध्यस्था में अखाड़ा समिति एवं जिला प्रशासन जिसमें वर्तमान उपायुक्त एवं आरक्षी अधीक्षक शामिल हुए सौहार्दपूर्ण वातावरण में अखाड़ा समिति के साथ सर्किट हाउस में बैठक प्रारंभ हुई. अभय सिंह द्वारा डीजे में प्रतिबंध हटाया जाए, टेलर को नहीं रोका जाए, एवं बाल मंदिर के जप्त किए गए ट्रेलर एवं डीजे को रिलीज कर दिया जाए यह जिला प्रशासन से दो टूक बाते की गई. इस सारे शब्दों को जिला प्रशासन द्वारा माना गया तभी जाकर समझौता हुआ. इसके बावजूद अखाड़ा समिति ने जो जैसे सक्षम है अखाड़ा समिति 2 दिन झंडा निकाल सकते हैं यह फरमान जारी किया गया. जिसे सभी लोगों ने स्वीकारा. (नीचे भी पढें)
अभय सिंह ने कहा कि ऐसे केंद्रीय रामनवमी अखाड़ा समिति का रहना कोई औचित्य नहीं है कि जो प्रशासन को दिग्भ्रमित करते हो अपनी राजनीति रोटी सकते हो और किसी मंत्री के इशारे में पूरे जमशेदपुर के हिंदू समाज को कलंकित करने का काम करते हो अखाड़ा समिति का अध्यक्ष वही होगा जो किसी अखाड़े का लाइसेंसी या अखाड़ा स्वयं चलाता हो. अभय सिंह ने कहा कि यह वही चेहरे हैं जो दुर्गा पूजा समिति में भी सिरमौर बन जाते हैं. केंद्रीय रामनवमी अखाड़ा समिति में भी अध्यक्ष स्वयंभू बन जाते हैं, शांति समिति के विषय में अध्यक्ष हो जाते हैं, सरस्वती पूजा काली पूजा होली के भी स्वयंभू अध्यक्ष बन जाते हैं. ऐसे लोगों को बेनकाब करते हुए ऐसे कमेटी का रहना जमशेदपुर की जनता के लिए घातक होगा और हमेशा शांति व्यवस्था नष्ट होगी इसलिए यह कमेटी को हर हालत पर भंग कर नई कमेटी का गठन करना चाहिए जिसे सर्वसम्मति से लोगों ने पास किया. बैठक में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी,हिंदू पीठ, सनातन स्वाभिमान संघ जमशेदपुर हिंदू मोर्चा सहित कई अखाड़ा समिति के अधिकारी एवं लाइसेंसी अध्यक्ष उपस्थित थे. कार्यक्रम में मुख्य रूप से अजय गुप्ता विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष, संजय जी विहिप, सोनारी अखाड़ा के पन्ना सिंह जंघेल, समाजसेवी शिवशंकर सिंह, गौ रक्षा प्रमुख अवतार सिंह परमार, बिष्टुपुर के बबुआ अखाड़ा, गुरुद्वारा बस्ती बिष्टुपुर के विजय सिंह का अखाड़ा, द्विवेदी अखाड़ा के सुरंजय राय, टेल्को, जुगसलाई,परसुडीह,सीतारामडेरा, साकची, मानगो, गाढ़ाबासा, टुइलाडुंगरी, बारीडीह, सिदगोड़ा, बागुनहाटू, बगुननगर, मानगो, कदमा, शास्त्रीनगर, जुगसलाई, बागबेड़ा, सोनारी, भालूबासा, सहित कई अखाड़ा शामिल थे. बैठक में नए अखाड़ा समिति का गठन हो जो धर्म, संस्कृति के निर्माण में सहायक हो। प्रभु राम शांति सद्भाव के प्रतीक थे उसी मार्ग में हमे चलाना है. आज सर्वसम्मति से नए अखाड़ा समिति का गठन करने का निर्णय होगा.