जमशेदपुर : ईमानदारी पैसे से नहीं खरीदी जा सकती… रंजीत ठाकुर ने इसकी मिसाल पेश की है। रंजीत ठाकुर बिरसानगर जोन एक स्थित पांडेय बिल्डिंग में जेंट्स सैलून में काम करते हैं। विगत दिनों अपनी दुकान जाते समय रास्ते में रास्ते में एक खोया हुआ बटुआ मिला। जिसमें 12500 रुपये नगद, एटीएम, क्रेडिट कार्ड के अलावा भारतीय सेना के कई कार्ड थे। जिसके गुम हो जाने के बाद सालों प्रयास के बाद भी नहीं बनता। रंजीत ठाकुर ने मिलने के बाद ईमानदारी का परिचय देते हुए नजदीकी प्रज्ञा केंद्र जाकर कार्ड पर लिखे नंबर से मालिक का पता ढूंढने के बाद आधे घंटे के अंदर सेना से अवकाश प्राप्त ब्रिगेडियर रणविजय सिंह के घर जाकर उनका बटुआ वापस किया। जबकि ब्रिगेडियर रणविजय सिंह इसका एफआईआर करने पुलिस स्टेशन गए हुए थे। उनकी पत्नी ने रंजीत ठाकुर एवं प्रज्ञा केंद्र संचालक के घर आने की खबर दी और एफआईआर नहीं करने को कहा। (नीचे भी पढ़ें)
इसकी जानकारी मिलते ही अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद, पूर्वी सिंहभूम के प्रतिनिधियों ने उनके इस नेक कार्य की प्रशंसा करते हुए 8 अक्टूबर वायु सेना दिवस पर सम्मानित करने का निर्णय लिया। मगर रंजीत ठाकुर के बेटे की तबीयत खराब होने की वजह से उन्होंने वायु सेना दिवस के दिन पहुंचने में असमर्थता जाहिर की। आज संगठन के प्रतिनिधियों ने उनके सैलून में बिरसानगर जाकर प्रशस्ति चिन्ह तिरंगा पट्टी एवं मिठाई दे कर उन्हें सम्मानित किया। और सैलून में उपस्थित ग्राहकों को इस जानकारी देते हुए सबका मुँह मीठा कराया। इस अवसर पर ब्रिगेडियर रणविजय सिंह के साथ पूर्व सैनिक सेवा परिषद पूर्वी सिंहभूम के प्रतिनिधि के रूप में सुशील कुमार सिंह, डॉ कमल शुक्ला, जिला मंत्री दिनेश सिंह, अशोक कुमार श्रीवास्तव एवं सतनाम सिंह उपस्थित थे। निकट भविष्य में इस घटना को जानकर समाज के युवा प्रेरित हों एवं रंजीत ठाकुर का परिवार गौरवांवित महसूस करे इस उद्देश्य से संगठन ने उन्हें सम्मानित किया। भविष्य में भी उन्हें हर संभव सहयोग दिया जाएगा।